Trending Photos
Hanuman Chalisa Record: पंजाब के बठिंडा में रहने वाले 5 साल के गीतांश गोयल (Geetansh Goyal) ने महज 1 मिनट 35 सेकंड में हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) पढ़कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है. गीतांश के इस कारनामे से उनके माता-पिता और परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. गीतांश के माता-पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की प्रतिभा पर गर्व है. उन्होंने बताया कि गीतांश को हनुमान चालीसा पढ़ने में बहुत रुचि है और वह इसे बहुत ही सुंदर तरीके से पढ़ता है. गीतांश के इस कारनामे की सराहना करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में सम्मानित करने का फैसला किया है. गीतांश को 30 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया जाएगा.
सबसे तेज हनुमान चालीसा पढ़ने का रिकॉर्ड
बठिंडा के एक पांच साल के छोटे से बच्चे ने सबका मन मोह लिया है. इस उपलब्धि ने उसके परिवार को गर्वित किया है और उनके चेहरे पर मुस्कान लाई है. गीतांश के माता-पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे को राष्ट्रपति भवन में सम्मानित होते हुए देखने का बेसब्री से इंतजार है. उन्होंने बताया कि गीतांश के इस सम्मान से उन्हें और उनकी पूरी फैमिली को बहुत गर्व महसूस हो रहा है.
छोटी उम्र में देशभर में कमा लिया नाम
गीतांश के माता-पिता ने बताया कि उन्होंने उनकी साधना और मेहनत को पहचाना और उन्हें उनके लक्ष्य की ओर एक कदम और बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. यह सफलता उनके लिए गर्व की बात है. गीतांश ने इस मौके पर अपने माता-पिता के साथ होने की खुशी व्यक्त की. गीतांश ने यह साबित किया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है, सफलता के लिए उम्र बड़ी हो यह जरूरी नहीं. छोटी उम्र के बावजूद गीतांश की अद्वितीय क्षमता ने दुनिया को हैरान किया है और हम सभी को प्रेरित किया है. गीतांश ने हमें यह सिखाया कि हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मेहनत करते रहना चाहिए.
#WATCH | Punjab | A 5-year-old child from Bathinda, Geetansh Goyal recites Hanuman Chalisa in record time.
For the feat, he has received an appreciation certificate from the 'India Book of Records'. pic.twitter.com/KiMnc1UlXM
— ANI (@ANI) August 29, 2023
राष्ट्रपति से अब मिलेगा इनाम
गीतांश के माता-पिता ने कहा कि जिस राष्ट्रपति को हम अखबार और टीवी चैनल में देखते है. अब हम उनसे मिलेंगे, जिससे वह काफी खुश है. इससे पहले ही वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी ने गीतांश का नाम दर्ज कर चुका है. उन्होंने कहा कि उन्हें बेहद खुशी है कि इतनी कम उम्र में बच्चों ने बड़ा मुकाम हासिल किया. अपने माता-पिता को धर्म से जोड़कर नाम ऊंचा करने से बड़ी कोई खुशी नहीं हो सकती.