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Trending News: इंफोसिस फाउंडेशन (Infosys Foundation) की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति (Sudha Murty) कई मायनों में अग्रणी हैं क्योंकि वह टेल्को (अब टाटा मोटर्स) में पहली महिला इंजीनियर थीं. सुधा मूर्ति ने अपनी इंजीनियरिंग उस समय पूरी की जब महिलाओं के लिए इंजीनियर बनना आसान नहीं था. सुधा मूर्ति एक शिक्षिका, लेखिका और समाज-सेविका हैं. उन्होंने इंफोसिस के को-फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति से शादी की. आपको जानकर हैरानी होगी कि सुधा मूर्ति ने अपने पति नारायण मूर्ति को 10,000 रुपये दिए थे जब वह अपनी कंपनी शुरू करना चाहते थे.
नायराण मूर्ति से आखिर कैसे मिलीं सुधा
सुधा मूर्ति ने अपनी मेहनत की कमाई को नारायण मूर्ति के बिजनेस आइडिया में इन्वेस्ट करने का फैसला उस समय लिया जब भारत में आईटी सेक्टर शुरुआती स्टेज में था. यह कहना गलत नहीं होगा कि सुधा मूर्ति एक दूरदर्शी हैं क्योंकि उन्हें विश्वास था कि भारत में आईटी क्षेत्र तेजी से बढ़ेगा. नारायण मूर्ति को पहली बार सुधा मूर्ति से उनके कॉलेज फ्रेंड प्रसन्ना ने मिलवाया था. वे जल्द ही एक-दूसरे को पसंद करने लगे और कुछ महीनों बाद शादी कर ली. 1981 में, नारायण मूर्ति इंफोसिस के आइडिया के साथ आए और सुधा मूर्ति ने उन्हें अपने पास से 10000 रुपये देने का फैसला किया, जो यह उनके पर्सनल इमरजेंसी फंड का एक हिस्सा था. सुधा मूर्ति ने ये खुलासा कपिल शर्मा शो पर किया.
दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में सुधा मूर्ति ने एक बार कहा था कि उनके पति ने एक बार बात की थी कि भारत में आईटी क्षेत्र कैसे विकसित होगा और भारत को सॉफ्टवेयर क्रांति की आवश्यकता है. सुधा मूर्ति के अनुसार, नारायण मूर्ति के शब्द गेम-चेंजर साबित हुए. सुधा मूर्ति ने नारायण मूर्ति को 10,000 रुपये का कर्ज देने का फैसला किया और उन्होंने 1981 में एक बेडरूम के अपार्टमेंट से इंफोसिस की शुरुआत की. आज इंफोसिस 5,86,196 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है. सुधा मूर्ति के अनुसार नारायण मूर्ति को 10,000 रुपये देने का उनका निर्णय उनका सर्वश्रेष्ठ निवेश साबित हुआ. सुधा मूर्ति के पास फिलहाल इंफोसिस में 0.95 फीसदी हिस्सेदारी है.