असम: असम के हिरासत शिविर में रखे गए 52 बांग्लादेशी नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय सरहद पर बांग्लादेश के अधिकारियों के सुपुर्द किया गया. दक्षिण सलमार-मानकाचर जिले के 52 हिन्दू-मुस्लिमों को 2012 से हिरासत में रखा गया था. इनमें पांच महिलाएं और चार बच्चे भी शामिल हैं. मानकाचर में सहपरा बीएसएफ सीमा चौकी के जरिए बांग्लादेशियों को उनके वतन भेजा गया.  इस दौरान असम पुलिस के पुलिस उप महानिरीक्षक (सीमा) रौनक अली हजारिका, दक्षिण सलमार-मानकाचर जिले की उपायुक्त ए सुल्ताना और अन्य अधिकारी मौजूद थे. 


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भारत के साथ अच्छे संबंध बरकरार रखते हुए बांग्लोदश के हितों की रक्षा की: शेख हसीना
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज कहा कि उनकी सरकार ने भारत के साथ दोस्ताना संबंध बरकरार रखते हुए बांग्लादेश के हितों की रक्षा की. उन्होंने साथ ही पूर्व के बांग्लादेशी नेताओं पर सत्ता में रहने के दौरान समझौते करने का आरोप लगाया. 


उन्होंने यहां अपनी सत्तारूढ़ पार्टी आवामी लीग द्वारा आयोजित एक भोज में जियाउर रहमान , खालिदा जिया और मुहम्मद इरशाद के शासनकालों की तरफ संकेत करते हुए कहा , ‘‘ वे सभी - जिया , खालिदा जिया और इरशाद सार्वजनिक रूप से भारत विरोधी बातें करते थे लेकिन दूसरी तरफ अपने तुच्छ लाभों के लिए भारत को खुश भी करते थे. ’’ 


हसीना ने गंगा नदी के पानी में उचित हिस्सेदारी के लिए भारत के साथ समझौते करने में और बस्तियों एवं जमीनी सीमा के 68 साल पुराने विवाद को खत्म करने तथा अंतरराष्ट्रीय पंचाट में समुद्री सीमा के दोस्ताना हल से जुड़ी अपनी सरकार की उपलब्धि की बात की. 


उन्होंने कहा , ‘हमने यह सब दोस्ताना संबंध बनाए रखते हुए किया. भारतीय संसद ने पूरे उल्लास और सभी दलों की सहमति के साथ एलबीए (जमीनी सीमा समझौता) से जुड़ा विधेयक पारित किया. ’ हसीना की यह टिप्पणी बांग्लादेश में इस साल के अंत में होने वाले आम चुनाव से पहले आई है. देश में भारत के साथ संबंध एक राजनीतिक मुद्दा बनकर उभर रहे हैं. 


पारंपरिक रूप से आवामी लीग को भारत के प्रति दोस्ताना रूख रखने वाला माना जाता है जबकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) को भारत के प्रति उसके कड़े रूख के लिए जाना जाता है.