वाशिंगटन: अफगानिस्तान सरकार देश के कुछ हिस्सों पर तेजी से अपना नियंत्रण खोती जा रही है जबकि अमेरिकी सेना ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अपना हवाई अभियान तेज कर दिया है. अमेरिकी सरकार की एक निगरानी संस्था ने गुरुवार को यह बात कही.


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अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति का ताजा आकलन ऐसे समय में किया गया है जब अमेरिका तालिबान से वार्ता कर रहा है और उसने 17 साल से चल रहे युद्ध को जल्द खत्म करने के लिये समाधान तलाश रहा है. 


अफगानिस्तान में अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो मिशन रेजोल्यूट सपोर्ट द्वारा मुहैया कराए आंकड़ों के अनुसार, 31 अक्टूबर तक केवल 63.5 फीसदी अफगान काबुल सरकार के नियंत्रण एवं प्रभाव वाले इलाकों में रह रहे हैं जो पिछली तिमाही के 65.2 फीसदी से कम है. 



काबुल का अफगानिस्तान के जिलों पर नियंत्रण एवं प्रभाव हुआ है कम 


अफगानिस्तान पुनर्निर्माण के लिए अमेरिका के विशेष महानिरीक्षक (सिगार) के अनुसार, काबुल का अफगानिस्तान के जिलों पर नियंत्रण एवं प्रभाव कम हुआ है. सिगार के मुताबिक, अफगानिस्तान के 407 जिलों में से केवल 53.8 फीसदी का नियंत्रण सरकार के हाथ में है और अफगानिस्तान पर विशेषज्ञों का कहना है कि यह संख्या अब भी कम है.


सिगार के जवाब में पेंटागन ने कहा कि आबादी के आंकड़ों पर ध्यान देने के बजाय अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने की रणनीति के प्रमुख लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है. अधिकारियों ने तालिबान और अमेरिका के विशेष दूत जलमय खलीलजाद के बीच चल रही वार्ता का भी जिक्र किया.


सुरक्षा संकट के बीच अमेरिकी हवाई हमला है जारी


सुरक्षा संकट का जिक्र करते हुए सिगार ने कहा कि अमेरिका ने अचानक हवाई हमले बढ़ा दिए हैं. उसने 2018 के पहले 11 महीनों में 6,823 बम गिराए. इस बीच, अफगान सुरक्षा बलों की ताकत क्षीण हो गई और अभी उसमें 308,693 सैनिक हैं. इसका मतलब है कि केवल 87.7 फीसदी पद भरे गए जो जनवरी 2015 से लेकर अब तक सबसे कम है. अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान से अमेरिका के आधे सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है.


(इनपुट भाषा से)