Ajit Doval alert of AI: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई (AI) को लेकर चिंता जाहिर की है और साइबर सुरक्षा से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास की वकालत की है. अजीत डोभाल ने जोहानिसबर्ग में ‘फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स’ की बैठक में हिस्सा लेते हुए साफ किया कि विध्वंसकारी तकनीकों के साथ एआई भविष्य में साइबर खतरों की गंभीरता को और अधिक बढ़ा देंगे.


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साइबर सिक्योरिटी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने पर जोर


अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने साउथ अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में हुई ब्रिक्स के मित्र देशों की बैठक में हिस्सा लेते हुए साइबर सिक्योरिटी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया. इसके सात ही उन्होंने साइबर सुरक्षा (Cyber Security) से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास की वकालत की. उन्होंने रेखांकित किया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, बिग डाटा (जटिल आंकड़े) और ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ जैसी हानिकाकरक प्रौद्योगिकियों की वजह से साइबर सुरक्षा के खतरे की गंभीरता बहुत अधिक बढ़ जाएगी.


अजीत डोभाल ने इन बड़े खतरों को लेकर किया अलर्ट


अधिकारियों ने बताया कि अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने वित्तपोषण, धनशोधन, कट्टरपंथी बनाने, ‘लोन वुल्फ’ हमला, (आंतकवादियों की) भर्ती और सुरक्षित संचार सहित अन्य अपराधों में साइबर अपराधियों और आतंकवादियों के संबंधों को भी रेखांकित किया. डोभाल ने रेखांकित किया कि विशेष तौर पर युवा आबादी में सोशल मीडिया के जरिए चरमपंथी विचारधारा का प्रसार होने की आशंका है, क्योंकि उन्हें प्रौद्योगिकी की जानकारी होती है और उनका दिमाग आसानी से प्रभावित होने वाला होता है.


अधिकारियों ने बताया कि बैठक में साइबर सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि एनएसए अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने साइबर सुरक्षा को लेकर उत्पन्न चुनौतियों का मिलकर मुकाबला करने की जरूरत पर जोर दिया. डोभाल के अलावा दक्षिण अफ्रीका के प्रेसिडेंसी में मंत्री एवं देश की सुरक्षा एजेंसी के लिए जिम्मेदार खुम्बुद्जो नत्शावेनी, रूस के निकोलाई पत्रुशेव और चीन के वांग यी भी मौजूद थे.


इन देशों के एनएसए भी बैठक में थे मौजूद


इस बैठक में भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) के अलावा बेलारूस, बुरुंडी, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, मिस्र, कजाकिस्तान और क्यूबा के भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मौजूद थे. अधिकारियों ने बताया कि भारत हमेशा ‘ग्लोबल साउथ’ (दुनिया के अल्प विकसित और विकासशील देश) के साथ मिलकर काम करेगा जिसे सीमित संसाधनों की चुनौती से पार पाना है. एनएसए ने ब्रिक्स देशों और ब्रिक्स के मित्र देशों के कई समकक्षों से भी द्विपक्षीय वार्ता की। दक्षिण अफ्रीका अगले महीने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका सदस्य हैं.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)