चीन संग बातचीत को भी तैयार नहीं अमेरिका, व्यापार समझौते को लेकर ट्रंप ने दिया बड़ा बयान
चीन को लेकर अमेरिका का रवैया सख्त, बातचीत के लिए तैयार नहीं हैं डोनाल्ड ट्रंप.
वाशिंगटन: चीन-अमेरिका के व्यापार समझौते पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) फिर से बातचीत के लिए तैयार नहीं है. चीन संग व्यापार समझौते को लेकर ट्रंप ने अपनी प्रतिक्रिया एक प्रेस कॉन्प्रेस के दौरान दी. हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप से सवाल पूछा गया था कि अगर चीन व्यापार समझौते पर बातचीत फिर से करना चाहेगा? क्या आप इसमें दिलचस्पी रखते हैं?
व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में पत्रकारों संग बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'नहीं, बिल्कुल भी नहीं. थोड़ा सा भी नहीं, मैं कोई दिलचस्पी नहीं रखता हूं. ऐसा मैंने भी सुना है कि वह व्यापार समझौते पर फिर से बातचीत करना चाहते हैं.'
चीन को लेकर ट्रंप ने कहा कि वह बीते कई दशकों से अमेरिका का फायदा उठाता आया है क्योंकि पूर्व में उसे करने का मौका दिया गया. ट्रंप ने आगे कहा, 'नहीं, मुझे इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है. चलो देखते हैं कि क्या वे उस समझौते पर टिके रहते हैं, जिस पर उन्होंने हस्ताक्षर किए थे?'
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अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्टीवन मेनुचिन ने 4 मई को चेतावनी दी थी कि यदि चीन व्यापार समझौते का सम्मान नहीं करता है, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसके महत्वपूर्ण परिणाम होंगे कि लोग उनके साथ कैसे व्यापार करेंगे? ट्रंप ने पहले भी कहा था कि वह चीन के साथ व्यापार समझौते को समाप्त कर देंगे, यदि वे देश में फैले कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इसके नियमों का सम्मान नहीं करते हैं.
जनवरी में हुए यूएस-चीन की व्यापारिक समझौते के तहत, बीजिंग 2020-2021 में कम से कम 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा अमेरिकी उत्पादों और सेवाओं को खरीदने के लिए सहमत हुआ था. इसमें अमेरिका से चीन के लिए 76.7 बिलियन डॉलर का निर्यात इस वर्ष और 123.3 डॉलर का निर्यात 2021 में होना शामिल था.
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हालांकि अमेरिका के वाणिज्य विभाग की ओर जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की खरीदारी चालू वर्ष के पहले तीन महीनों में 2017 के स्तर से भी कम चल रही है. यानी 2017 के मुकाबले इन तीन महीनों में चीन ने करीब 7 बिलियन डॉलर कम की खरीदारी की है. वहीं, यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन ने एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन उस समझौते से पीछे हट सकता है.