नाक और मुंह के अलावा बॉडी के इस अंग से भी ले सकते हैं सांस, लोगों को नहीं हो रहा यकीन
MED में पब्लिश की गई Science Direct की एक रिसर्च में कहा गया है कि गूदा से सांस लेना भी संभव है. स्टडी के दौरान वैज्ञानिकों के एक ग्रुप ने कछुओं के धीमे मेटाबॉलिज्म के आधार पर सूअरों और चूहों पर कई एक्सपेरिमेंट किए.
New Research: हाल ही में की गई एक रिसर्च में ऐसा खुलासा हुआ है जिसे जानने के बाद आप शायद यकीन न कर पाएं. वैज्ञानिकों की मानें को इंसान गूदे से सांस ले सकता है. यह पढ़कर आपको शायद हैरानी होगी लेकिन स्टडी में यही सामने आया है. MED में पब्लिश की गई Science Direct की एक रिसर्च में कहा गया है कि गूदा से सांस लेना भी संभव है. स्टडी के दौरान वैज्ञानिकों के एक ग्रुप ने कछुओं के धीमे मेटाबॉलिज्म के आधार पर सूअरों और चूहों पर कई एक्सपेरिमेंट किए.
स्टडी के दौरान किया गया कुछ ऐसा
इसमें म्यूकोसल लाइनिंग को पतला करने के लिए जानवरों की आंतों को साफ किया गया, जिससे खून के प्रवाह में बाधा को कम किया जा सके. इसके बाद उन जानवरों को एक ऐसे कमरे में रखा गया जहां ऑक्सीजन नहीं थी. ऐसा माना जाता है कि क्योंकि कछुओं के पास इस तरह की परत होती है, वे अपने गूदा के जरिए सांस लेने में सक्षम होते हैं, जिसकी वजह से वो सर्दियों में जिंदा रह पाते हैं.
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रिसर्च में सामने आई ये बात
इस दौरान जिन जानवरों को सांस लेने से रोका गया और उनकी आंत वेंटिलेशन से वंचित थी. ऐसे जानवर 11 मिनट बाद मर गए. इसके अलावा जिन जानवरों को आंतों की सफाई के बिना आंतों का वेंटिलेशन मिला, वे लगभग 18 मिनट तक जिंदा रहे. इससे पता चला कि दर्शाता है कि उस जगह से थोड़ी ऑक्सीजन ऊपर उठ रही थी।
आंतों के जरिए ली जा सकती है सांस
रिसर्च आगे बताती है कि उन जानवरों में से 75 प्रतिशत, जिनकी आंतों को साफ किया गया था और दबाव में ऑक्सीजन प्राप्त हुआ था, एक घंटे तक जीवित रहे. इससे काफी हद तक यह साबित होता है कि चूहे और सूअर सही परिस्थितियों में आंतों के जरिए सांस लेने में सक्षम हैं.
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