नई दिल्ली: इस्लामिक स्टेट (IS) में शामिल होने के लिये एक दशक पहले सीरिया गए कनाडा (Canada) के नागरिक ने शुक्रवार को आतंकवादी संगठन (Terror Outfit) का एक कमांडर और प्रमुख प्रचारक होने का जुर्म स्वीकार कर लिया है. 


एलेक्जेंड्रिया कोर्ट में सुनवाई


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अमेरिका (USA) के एलेक्जेंड्रिया की जिला अदालत में हुई सुनवाई में मोहम्मद खलीफा (38) ने विदेशी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (Islamik State) को मदद पहुंचाने के लिये साजिश रचने का जुर्म कुबूला है. कोर्ट के रिकॉर्ड के मुताबिक खलीफा अमेरिकी धर्मगुरू अनवर अल-अवलाकी की तकरीरों से प्रेरित होने के बाद 2013 में कनाडा से सीरिया के लिये रवाना हुआ था. अवलाकी बाद में अलकायदा का अग्रणी सदस्य बन गया था.


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आजीवन कारावास का प्रावधान


आपको बता दें कि मोहम्मद खलीफा को सजा अगले साल 15 अप्रैल, 2022 को सजा सुनायी जाएगी. कनाडा के कानून के मुताबिक आरोपी खलीफा को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा सकती है.


आईएसआईएस का असर बरकरार


आपको बता दें कि इराक और सीरिया में आतंकवादी संगठन आईएसएएस की मौजूदगी अभी बरकरार है. अमेरिका के लाख दावों के बावजूद अभी तक आईएस पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. अभी हाल ही में इराक (Iraq) में हुए एक जबरदस्त धमाका में 11 लोगों की मौत हुई है. खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (Islamic State) ने हमले की जिम्मेदारी ली है. इससे पहले इराक (Iraq) के दक्षिणी शहर बसरा (Blast) में एक जबरदस्त धमाका हुआ. बसरा के गवर्नर ने इस हमले के पीछे ISIS का हाथ बताया था.


इस हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी. इराकी सेना ने बताया था कि आतंकियों ने एक मोटरसाइकिल में बम लगाया हुआ था. इस वजह से ये जबरदस्त धमाका हुआ. इस धमाके के बाद भी शक की सुइयां इस्लामिक स्टेट की ओर गई थीं. हालांकि, इसने तब तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली थी.


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