China Biggest dam: चीन का थ्री गोरजेस डैम दुनिया का सबसे बड़ा बांध है. यह दुनिया के उन अजीब स्‍ट्रक्‍चर्स में से एक है, जिसे देखकर, जिसके बारे में सुनकर किसी का भी दिमाग घूम सकता है. और ऐसा हो भी क्‍यों ना, क्‍योंकि यह डैम इतना बड़ा है कि इसके कारण पृथ्‍वी के घूमने की रफ्तार कम हो गई है. अब तो चीन अपना दुनिया के सबसे बड़े बांध का रिकॉर्ड तोड़ने जा रहा है और इससे 3 गुना बड़ा बांध बनाने जा रहा है. चीन यह नया बांध तिब्बती पठार के पूर्वी छोर पर, यारलुंग जांग्बो नदी पर बना रहा है जिससे से सालाना 300 बिलियन किलोवाट ऊर्जा पैदा की जा सकेगी. चीन के इस नए प्रोजेक्‍ट ने एकाएक उसके थ्री गोरजेस डैम को भी चर्चा में ला दिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें: भारत में गिद्धों के विलुप्‍त होने से हो गई 5 लाख लोगों की मौत, किसानों को भी हुआ बड़ा नुकसान


इस बांध ने धरती पर डाला भयंकर बोझ


मौजूदा समय में दुनिया के सबसे बड़े बांध थ्री गोरजेस ने धरती पर इतना बोझ डाला कि इसने पृथ्‍वी की घूमने की स्‍पीड कम कर दी. थ्री गोरजेस डैम 2.3 किलोमीटर लंबा, 115 मीटर चौड़ा और 185 मीटर ऊंचा है. दुनिया का सबसे बड़ा पनबिजली बांध चीन के हुबेई प्रांत में यांग्जी नदी पर बना हुआ है. यह दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी है. इससे 88.2 बिलियन किलोवाट ऊर्जा पैदा होती है, लेकिन अब चीन के नए हाइड्रोपावर से 300 बिलियन किलोवाट ऊर्जा पैदा होगी.


यह भी पढ़ें: युद्ध के मैदान में क्‍यों हार रहे हैं तानाशाह किम जोंग के सैनिक? धड़ाधड़ बन रहे यूक्रेन का निशान


बांध की लागत ढाई लाख करोड़ रुपए


18 साल में बनकर तैयार हुए इस बांध को बनाने में ढाई लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई थी, इस बांध का निर्माण साल 1994 में शुरू हुआ और 2012 में यह बनकर तैयार हो पाया. इतना ही नहीं बांध को बनाने में इतनी बड़ी मात्रा में स्‍टील लगा था, जितने से 5-6 एफिल टॉवर बन सकते हैं. चीन द्वारा उपलब्‍ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार दुनिया के सबसे बड़े बांध को बनाने में 63 हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है.


यह भी पढ़ें: दुनिया का आठवां अजूबा कहलाता है ये खजाना, चोरी करते समय सोने से भरा पूरा कमरा हुआ गायब!


बड़ा हो गया दिन, खिसक गए उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव
 
इस भारी-भरकम बांध के चलते और इसमें इकट्ठे किए गए पानी से पृथ्वी का जड़त्वाघूर्ण प्रभावित हो गया है. पृथ्वी के घूमने की गति धीमी हो गई. इससे एक दिन का समय 0.06 माइक्रोसेकंड्स बढ़ गया है, यानी अब दिन थोड़ा लंबा हो गया है. यहां तक कि थ्री र्गोजेस बांध के बनने से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव भी अपनी-अपनी जगह से 2-2 सेंटीमीटर खिसक गए हैं. साथ ही अन्य ध्रुवों पर पृथ्वी थोड़ी सी चपटी भी हो गई है. इतना ही नहीं इस बांध ने पर्यावरण को खासा नुकसान पहुंचाया है. यही वजह है कि अब चीन के इस बांध से भी 3 गुना बड़े बांध के प्रोजेक्‍ट ने दुनिया को दहला दिया है. ना जाने ये बांध इंसानी आबादी समेत पूरी धरती पर कितने असर डालेगी?


यह भी पढ़ें: भारतीयों के लिए ट्रंप के खिलाफ खड़े हो रहे एलन मस्‍क! US में H-1B वीजा पर छिड़ी रार