Polar Bear Attack: कनाडा कई कारणों से मशहूर है और इसमें से बड़ा कारण है यहां रहने वाले पोलर बियर यानी कि ध्रुवीय भालू. यहां का चर्चिल शहर तो ऐसा है जहां जितनी संख्‍या में स्‍थायी निवासी रहते हैं, उतने ही पोलर बियर रहते हैं. यानी कि इंसानों और ध्रुवीय भालुओं की आबादी लगभग एक बराबर है. यही वजह है कि यहां पर इंसानों की सुरक्षा के लिए ध्रुवीय भालुओं की "जेल" बनाई गई है. इसे  ध्रुवीय भालू रखने की फैसिलिटी भी कहा जाता है.


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गर्मी में इंसानों की बस्‍ती में आ जाते हैं


आर्कटिक के किनारे मैनिटोबा प्रांत में स्थित चर्चिल शहर में हर साल गर्मियों में तकरीबन 1 हजार पोलर बियर आते हैं. जो पास के हडसन खाड़ी की बर्फ पर रहते हैं. जुलाई के आखिर में जब समुद्री बर्फ पिघलती है तो ध्रुवीय भालू वापुस्क राष्ट्रीय उद्यान में आते हैं और चर्चिल इन दोनों के बीच में स्थित है. इस कारण यह शहर भालुओं के आवागमन का एक व्‍यस्‍त रास्‍ता होता है. इस दौरान वे कई बार इंसानों पर हमला भी कर देते हैं.


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...फिर रखा जाता है जेल में


वैसे तो ध्रुवीय भालू मांस-मछली ही खाते हैं और इसमें भी प्रमुख तौर पर उनका प्रिय भोजन सील नाम का समुद्री जीव होता है. लेकिन पतझड़ का मौसम आते तक वे इतने भूखे और खतरनाक हो जाते हैं कि मनुष्‍यों पर हमला करने से नहीं चूकते हैं. तब उन्‍हें रेस्‍क्‍यू करके यहां कि पोलर बियर फैसिलिटी या जेल में रखा जाता है. लेकिन यदि खाड़ी में इतनी बर्फ हो कि भालुओं को जाल में फंसाकर ट्रकों को बर्फ पर उतारा जा सके तो उन्‍हें खाड़ी में छोड़ दिया जाता है.


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खाने में दी जाती है केवल बर्फ


हालांकि इन सेल में कई सुविधाएं हैं, जैसे पोलर बियर को गर्मी के मौसम में ठंडक देने के लिए एयर कंडीशंड सेल हैं. लेकिन इस जेल में भालुओं को भोजन नहीं दिया जाता है. बल्कि भोजन के नाम पर केवल बर्फ और पानी ही दिया जाता है. दरअसल, भालुओं को भोजन देने से वे फिर से उसे इंसानों से जोड़ेंगे और उनके जेल से छूटने के बाद शहर में वापस आने के चांसेज बढ़ जाएंगे. जबकि जेल में भालुओं को रखने का मकसद उन्हें ऐसा अनुभव देना होता है ताकि वे दोबारा शहर में आने की गलती ना दोहराएं.


हालांकि भोजन के बिना ना रहने से भालुओं को नुकसान नहीं होता है बल्कि वे अपने शरीर में वसा के भंडार रह लेते हैं. गर्मियों के महीनों में आमतौर पर पोलर बियर वैसे भी खाना नहीं खाते हैं.