Israel Syria News : सीरिया तख्तापलट और उसके बाद के नतीजों से जूझ रहा है. वहीं इस मौके का फायदा उठाकर इजराइल अपने पैर फैलाने में जुटा है. नेतन्याहू गोलान हाइट्स में नियंत्रण बढ़ाने के लिए हरसंभव कोशिश करने में जुटे हुए हैं.
Trending Photos
Israel Syria Map: सीरिया में विद्रोहियों के राज और राष्ट्रपति बशर अल-असद के भागकर रूस जाने के बाद कई देशों को यहां बेहतर संभावनाएं नजर आ रही हैं. इजराइल का नाम इसमें सबसे आगे कहा जा सकता है. सीरिया के बिगड़े हालातों के बीच इजरायल ने सीरिया से लगते गोलान हाइट्स के एक बड़े इलाके पर नियंत्रण कर लिया है. इतना ही नहीं यहां बड़े पैमाने पर बदलाव करने की पूरी तैयारी भी कर ली है. इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने गोलान हाइट्स में नियंत्रण बढ़ाने के लिए बड़ा फैसला लिया है.
यह भी पढ़ें: दुबई में भारतीय महिला ने खोला कैफे, 1 लाख रुपए में बिक रही 1 कप चाय, प्रजेंटेशन ही कर देगा दंग
11 मिलियन डॉलर से बसाएंगे नई कॉलोनी
इजराइल गोलान हाइट्स में आबादी का समीकरण बदलने की तैयारी कर रहा है. ताकि उसका यहां पर नियंत्रण बढ़ सके. इसके लिए इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की अध्यक्षता में कैबिनेट ने 11 मिलियन डॉलर के एक फंड को मंजूरी दी है.
यह भी पढ़ें: कौन हैं पाकिस्तान के टॉप 5 सबसे अमीर हिंदू और कितनी है नेटवर्थ? पेशे जानकार होगी हैरानी
यह फंड गोलान हाइट्स में यहूदियों की एक विकसित कॉलोनी बसाने पर खर्च किया जाएगा. केवल लोगों की आबादी ही नहीं बढ़ाई जाएगी. बल्कि उद्योगों को विकसित किया जाएगा, शिक्षा के शानदार इंतजाम किए जाएंगे. ताकि यहां उसकी ठोस मौजूदगी रह सके और आसानी से लोग यहां सकें. नेतन्याहू यहां यहूदियों की आबादी में इजाफा करके संतुलन स्थापित करना चाहते हैं.
यह भी पढ़ें: रोंगटे खड़े कर देगी इस लड़की के हनीमून की कहानी, Photo देख लोग बोले - तुम हिम्मत...
अभी यहूदी और ड्रूज 50/50
मौजूदा हालातों की बात करें तो गोलान हाइट्स में यहूदी और ड्रूज की आबादी 50-50 फीसदी है. नेतन्याहू कैबिनेट का मानना है कि यहां सुविधाएं बढ़ाकर नए नागरिकों को बसाया जाए. ऐसा करके इजराइल गोलान हाइट्स में खुद को ताकतवर बनाएगा और एक तरह से यह इजराइल को ही मजबूत करना है. केबिनेट में यह भी कहा गया कि इस समय यह बेहद जरूरी है और हम अपने इस एजेंडे पर आगे बढ़ते रहेंगे.
युद्ध में जीता था गोलान हाइट्स का इलाका
इजरायल का कहना है कि डेवलपमेंट का यह प्लान फिलहाल उसके नियंत्रण वाले गोलान हाइट्स इलाके के लिए ही है. जिसे इजरायल ने 1967 में 6 दिनों की जंग के बाद जीता था. यह जंग उसने सीरिया समेत अरब के कई देशों के खिलाफ अकेले ही लड़ी थी. हालांकि ज्यादातर अरब देश इजरायल की ओर से कब्जाए गए इस इलाके को मंजूरी नहीं देते हैं, लेकिन अमेरिका ने इसे कुछ साल पहले इजरायली इलाके के तौर पर मंजूरी दे दी थी. अब मौजूदा कदम ने इजराइल के मंसूबे साफ कर दिए हैं. वह सीरिया की अस्थिरता का फायदा उठाकर गोलान हाइट्स में खुद को और मजबूत करना चाहता है. सऊदी अरब ने तो यहां तक कह दिया है कि यह सीरिया में इजरायल के कब्जे की कोशिश का एक नया कदम है.