लंदन: कोरोना महामारी (Coronavirus) के पीक के दौरान ऑक्सीजन की कमी के मामलों के बाद दुनिया के लिए यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है. दुनिया के वैज्ञानिक ऑक्सीजन की जरूरत मापने और उसे सप्लाई करने के तरीकों पर रिसर्च कर रहे हैं.


रिसर्चर की टीम ने बनाया AI उपकरण


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अब इंटरनेशनल रिसर्चर की एक टीम ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वाला उपकरण बनाया है. यह उपकरण इस बात का अनुमान लगा सकता है कि कोरोना (Coronavirus) के किसी मरीज को कितनी एक्स्ट्रा ऑक्सीजन की जरूरत हो सकती है. 


5 महाद्वीपों से हासिल किए गए डाटा


NVIDIAA संस्थान में कार्यरत वैज्ञानिकों ने 5 महाद्वीपों से हासिल डाटा का विश्लेषण करके AI आधारित तकनीक का परीक्षण किया. इस तकनीक को फेडरेटेड लर्निंग के रूप में जाना जाता है. इस तकनीक के तहत कोरोना (Coronavirus) लक्षण वाले मरीज की छाती का एक्सरे और इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण करने के लिए एल्गोरिथ्म का उपयोग किया जाता है. 


95 प्रतिशत तक है उपकरण की सटीकता


इस रिसर्च की रिपोर्ट नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि तकनीक आपातकालीन विभाग में एक मरीज के आने के 24 घंटों के भीतर उसकी ऑक्सीजन की जरूरत की भविष्यवाणी कर सकती है. इस मशीन की सटीकता करीब 95 प्रतिशत बताई गई है. 


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NVIDIAA में मेडिकल AI के ग्लोबल हेड जी फ्लोर्स मोना ने कहा कि फेडरेटेड लर्निंग तकनीक से कोरोना (Coronavirus) मरीजों की वक्त रहते ऑक्सीजन की जरूरत समझी जा सकेगी. इससे दुनिया में हजारों लोगों की जान बचाने में मदद मिल सकेगी. 


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