Donald Trump : अमेरिका में दूसरी बार राष्ट्रपति बनने का सपना देख रहे डोनाल्ड ट्रंप, नवंबर में प्रस्तावित प्रेसिडेंशियल इलेक्शन (US Elections 2024) जीतने के लिए वो हर दांव चल रहे हैं, जिसमें जीत की जरा भी गुंजाइश दिख रही है. रिपबल्किन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप ने इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की तारीफ करते हुए उन्हें ‘ दुनिया का सबसे अच्छा इंसान’ बताते हुए कहा कि वह ‘उनके दोस्त हैं.’  ट्रंप ने फ्लैगरेंट पॉडकास्ट के दौरान एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की, जिसे बुधवार को अपलोड किया गया था.


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वह मेरे दोस्त...


अपनी जीत सुनिश्चित करने और कमला हैरिस को सियासी रिंग में पिछाड़ने के लिए ट्रंप, सियासत की बिसात पर एक एक मोहरा सोंच समझकर बढ़ा रहे हैं. अब तक के चुनावी प्रचार में वो दो 'ट्रंप' कार्ड चल चुके हैं. अमेरिका में जीत की गारंटी माने जाने वाले मुद्दों की बात करें तो फिलहाल बीते कुछ सालों से वहां 'राष्ट्रवाद' की हवा दिख रही है. 'राष्ट्रवाद' के विषय पर लिबरल 'डेमोक्रेट्स' को घेर चुके पूर्व राष्ट्रपति 'क्रिश्चियानटी' कार्ड भी चल चुके हैं. ट्रंप की कैंपेन टीम के पास अभी कई ऐसे दांव हैं जिनका इस्तेमाल वो सोच समझकर कर रहे हैं. इसी कड़ी में ट्रंप ने अपनी रैलियों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की तारीफ दोहराते हुए कहा,  'वह मेरे दोस्त हैं. वह सबसे अच्छे इंसान हैं.’


नाम जपने की वजह क्या है?


ट्रंप बार-बार भारत और मोदी के नाम की माला क्यों जप रहे हैं. इसकी दो वजहे हैं. पहली ये कि दोनों के बीच अच्छी 'केमेस्ट्री' है. कुछ जियोपॉलिटिकल एक्सपर्ट इसे 'दोस्ती' का नाम देते हैं. इस हिसाब से PM मोदी और ट्रंप के बीच अच्छे संबंध हैं. मोदी भी ट्रंप को सच्चा दोस्त कह चुके हैं. दूसरी ओर ट्रंप,  मोदी के नेतृत्व और काबिलियत, व्यक्तित्व और कृतित्व की तारीफ करते नहीं थकते हैं.


अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, डोनाल्ड ट्रंप गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम के लिए भारत आए थे. इस कार्यक्रम में 1 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया था, जो देश के बाहर किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से आयोजित सबसे बड़ी रैली थी.



दूसरी और सबसे अहम वजह अमेरिका में बसे भारतीय मूल के मतदाता (Indian Community In America) हैं. भारतीय कम्युनिटी अमेरिका में महज डेढ़ फीसदी है लेकिन उनका असर पिछले एक दशक में बढ़ा है. 2023 तक उनकी संख्या 50 लाख की थी. 2024 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल वहां सबसे ज्यादा 1.06 करोड़ मेक्सिको मूल के अमेरिकी नागरिक थे.


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हालांकि पारंपरिक रूप से भारतीय मूल के अमेरिकियों का झुकाव डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर रहा है लेकिन इस समुदाय के भीतर विचारों में अलगाव भी है. कुछ महीने पहले हुए एक सर्वे में करीब  29% भारतीय अमेरिकियों ने संकेत दिया कि वे ट्रंप को वोट करेंगे. लेकिन ये सर्वे हैरिस को उम्मीदवार बनाने से पहले का बताया जा रहा है. अगर स्थितियां बदलीं तो इस बार डेमोक्रेट्स का वोट बैंक हैरिस के बजाय ट्रंप की ओर शिफ्ट यानी ट्रांसफर हो सकता है. इसीलिए ट्रंप भारतीयों को रिझाने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं.


पीएम मोदी का भारतीय मूल के NRI's से बेहद शानदार कनेक्ट को पूरी दुनिया जानती है. ऐसे में ट्रंप ने अपनी रैली में 'हाउडी मोडी' वाले पुराने प्रोग्राम की याद दिलाते हुए अपनी बात रखी. टेक्सास के उस 'हाउडी मोदी' मीटअप को याद करते हुए ट्रंप ने कहा, 'PM मोदी ने तब जो कार्यक्रम किया था उसमें मैं भी एक्टिव था. वो बहुत खूबसूरत आयोजन था. करीब करीब 80,000 लोग थे उस मीटअप में. हमने मस्ती की. लोगों से सीधे संवाद किया. आज, शायद मैं ऐसा कुछ नहीं कर सकता लेकिन मेरे उनके (नरेंद्र मोदी) साथ बहुत अच्छे संबंध हैं.'


'जरूरत पड़ने पर हो सकता है सख्त'


पॉडकास्ट में ट्रंप ने मोदी की जमकर तारीफ की और उन्हें अच्छा इंसान बताते हुए कहा, 'वो जरूरत पड़ने पर सख्त भी हो सकते हैं'. ट्रंप ने मोदी के कड़े फैसलों की तारीफ करते हुए उन्हें एक बेहतरीन और कुशल प्रशासक और अच्छा प्रधानमंत्री बताया है. अब यह देखना होगा कि डोनाल्ड ट्रंप को ऐसे बयानों का सिला क्या वोटों की सौगात के रूप में मिल पाएगा.