US Presidential Election: टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने बैलेट पेपर से वोटिंग कराने की वकालत की है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार मस्क ने कहा, 'ईवीएम और जो कुछ भी मेल किया गया होता है, वह बेहद रिस्की होता है. वोटिंग के लिए सिर्फ बैलेट पेपर का ही इस्तेमाल होना चाहिए.' 


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अपने इस ट्वीट के साथ उन्होंने ईवीएम को लेकर कुछ अमेरिकी अखबारों की कुछ खबरें भी शेयर कीं. हालांकि उनकी इस थ्योरी से कई एक्स यूजर्स सहमत नहीं दिखे. एक एक्स यूजर ने लिखा, 'इसके विपरीत, बूथ कैप्चरिंग के जरिए बैलेट पेपर्स के साथ आसानी से छेड़छाड़ की जा सकती है. फैक्टरी इनेबल्ड प्रोग्राम्स के कारण ईवीएम को आसानी से हैक नहीं किया जा सकता. इसका इस्तेमाल करना चाहिए.'



मस्क ने दिए तर्क


इससे पहले एक पोस्ट में  मस्क ने दावा किया था कि बैलेट पेपर्स के साथ जॉइंट होने पर, धोखाधड़ी साबित करने को असंभव साबित करने के लिए सिस्टम को 'डिजाइन' किया गया है.


अरबपति कारोबारी ने तर्क देते हुए कहा, 'मेल-इन और ड्रॉप बॉक्स बैलेट्स की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वोटिंग सेंटर्स पर लगे कैमरे कम से कम बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी को रोकेंगे, क्योंकि इससे यह पता चल जाएगा कि कितने लोग वोटिंग के लिए आए थे और कितने वोट डाले गए थे.' 


मस्क को भारत ने दिया था जवाब


पिछले महीने ईवीएम के मुद्दे को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और एलन मस्क के बीच ट्विटर वॉर हो चुकी है. जब चंद्रशेखर ने मस्क को लिखा कि भारतीय ईवीएम कस्टम डिजाइन हैं और सुरक्षित हैं. ये किसी भी नेटवर्क या मीडिया से जुड़ी हुई नहीं हैं. इस पर टेस्ला के सीईओ ने कहा था- कुछ भी हैक हो सकता है. इसके बाद चंद्रशेखर ने अरबपति को जवाब में कहा, 'इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक उसी तरह डिजाइन और मैन्युफैक्चर किया जा सकता है, जैसा भारत ने किया है. एलन, हमें इस पर ट्यूटोरियल चलाने में खुशी होगी.'