ढाका: बांग्लादेश (Bangladesh) के पूर्व राष्ट्रपति एच.एम. इरशाद (HM Ershad) का रविवार को यहां एक सैन्य अस्पताल में निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. अंतर्सेवा जन-संपर्क निदेशालय के सहायक निदेशक राशेदुल आलम खान ने द डेली स्टार समाचार पत्र से कहा कि इरशाद (89) ने सुबह 7.42 बजे अंतिम सांस ली.


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विपक्ष के नेता और पांच बार सांसद रह चुके इरशाद लंबे समय से फेफड़ों और गुर्दो में संक्रमण समेत कई बीमारियों से जूझ रहे थे और 26 जून को उन्हें सीएमएच में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें सघन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था.


बाद में उनकी तबियत और खराब हो गई और 30 जून को उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम पर रख दिया गया. पूर्व सैन्य शासक को मंगलवार को ढाका में दफना दिया गया.


इरशाद ने 24 अप्रैल 1982 को तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुस सत्तार की सरकार का तख्तापलट कर चीफ मार्शल लॉ एडमिनिस्ट्रेटर (सीएमएलए) के तौर पर सत्ता हथिया ली और तीन दिन बाद उन्होंने न्यायमूर्ति अबुल फजल मोहम्मद अहसानुद्दीन चौधरी को राष्ट्रपति नियुक्त कर दिया.


इसके बाद 1983 में वे स्वयं देश के राष्ट्रपति बने. राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन के बाद उन्हें छह दिसंबर 1990 को पद छोड़ना पड़ा. उन्हें 1991 में गिरफ्तार किया गया और जनवरी 1997 को जमानत पर रिहा कर दिया गया. इरशाद पर भ्रष्टाचार समेत 26 मामले दर्ज थे. बांग्लादेश की राजनीति, विशेषकर गठबंधन की सरकारें बनाने में इरशाद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.