पहली बरसी पर न सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया के कई मुल्कों में फ्लॉयड को याद किया गया. मिनियापोलिस के लोगों ने कुछ पल का मौन रखकर फ्लॉयड को अपनी ओर से श्रद्धांजलि दी और जिस चौराहे पर उनकी हत्या हुई थी वहां फ्लॉयड की याद में लोगों ने मंगलवार को मेले का आयोजन किया.
Trending Photos
वॉशिंगटन: अमेरिका में पुलिस उत्पीड़न का शिकार हुए अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या की पहली बरसी पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनके परिवार से व्हाइट हाउस में मुलाकात की. इस मुलाकात की फोटो शेयर करते हुए राष्ट्रपति ने परिवार को सांत्वना दी और उनके साहस की तारीफ की है.
बाइडेन ने ट्वीट करते हुए कहा, 'ओवल ऑफिस में मैंने जॉर्ज फ्लॉयड के परिवार से मुलाकात की. बीते एक साल से इन लोगों ने अदम्य साहस का परिचय दिया है. खात तौर पर फ्लॉयड की छोटी बेटी, जिससे मैंने आज फिर मुलाकात की. फ्लॉयड के अंतिम संस्कार से एक दिन पहले उसने मुझसे कहा था कि डेडी ने दुनिया को बदल दिया.'
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से कहा गया कि फ्लॉयड को न्याय दिलाने की प्रक्रिया अभी जारी है. उन्होंने कहा कि ड्रेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन ने मिलकर जो अहम बिल पारित किया है मैं उसका पुरजोर समर्थन करता हूं. मुझे उम्मीद है कि इस बिल को जल्द ही मेरी पर टेबल पर मंजूरी के लिए लाया जाएगा.
उधर, पहली बरसी पर न सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया के कई मुल्कों में फ्लॉयड को याद किया गया. मिनियापोलिस के लोगों ने कुछ पल का मौन रखकर फ्लॉयड को अपनी ओर से श्रद्धांजलि दी और जिस चौराहे पर उनकी हत्या हुई थी वहां फ्लॉयड की याद में लोगों ने मंगलवार को मेले का आयोजन किया.
फ्लॉयड की बहन ब्रिगेट और परिवार के अन्य सदस्यों ने मेयर जेकब फ्रे, अन्य लोगों, स्थानीय निवासियों और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर दोपहर एक बजे एक पार्क में मौन रखा. डेमोक्रेटिक गर्वनर टिम वाल्ज ने मौन के लिए दोपहर का समय तय किया था और उन्होंने कहा कि फ्लॉयड को सही न्याय तभी मिलेगा जब यह संगठित नस्लवाद खत्म होगा.
न्यूयॉर्क में भी कुछ पल का मौन रखा गया और लॉस एंजिलिस में फ्लॉयड के सम्मान में रैली निकाली गई. ग्रीन, स्पेन और डेनमार्क में भी ऐसी ही रैलियों का आयोजन हुआ
गौरतलब है कि 2020 में 46 वर्षीय अश्वेत फ्लॉयड को जमीन पर गिराने के बाद तत्कालीन पुलिस श्वेत अफसर डेरेक चाउविन ने करीब नौ-दस मिनट तक घुटने से उसके गले को दबाया जिससे उसकी मौत हो गई. इस मामले में डेरेक को हत्या का दोषी माना गया है और अदालत 25 जून को सजा सुनाने वाली है. वहीं अन्य तीन आरोपी पूर्व अधिकारियों के खिलाफ अभी मुकदमा चल रहा है.