Global Temprature high: हजारों साल से भी ज्यादा वक्त के लिए ठंडी रही हमारी पृथ्वी को ग्लोबल वॉर्मिंग ने उबाल कर रख दिया है. कुदरत की विनाश लीला चरम पर है इसके बावजूद इंसान चेतने को तैयार नहीं है. अगर ग्लोबल वॉर्मिंग (Global warming) का असर और स्तर इतना नहीं होता तो लोग जिस भयानक गर्मी और उमस से परेशान हैं, ऐसे हालात अभी कम से कम सवा लाख साल तक पैदा न होते. लेकिन अब लगता है कि हद हो गई है, इसलिए प्रकति भी इंसानों को बख्शने के मूड में नहीं है. आधी दुनिया में प्रचंड गर्मी से हाहाकार मचा है. करोड़ों लोग त्राहिमाम कर रहे हैं क्योंकि एक-दो देश नहीं पूरे-पूरे महाद्वीप गर्मी के वार से बेहाल हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

धरती उबलने लगी है?


पूरी दुनिया का तापमान (Global Temprature) जितनी तेजी से बढ़ा है. उसकी तस्दीक संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) और यूरोपियन यूनियन (EU) जैसी संस्थाओं के वेदर और क्लाइमेट एक्सपर्ट ने की है. विदेशी मौसम विभाग की तरफ से कहा गया है कि जुलाई को महीना कई लाख सालों में सबसे गर्म महीना साबित हुआ है. वहीं यूएन चीफ की मानें तो अब धरती उबलने लगी है. हालात ऐसे हो रहे हैं कि इंसानों की बात छोड़िये मानो खुद धरती कह रही है कि कोई उसे बचा ले. 


सवा लाख साल बाद जुलाई का ये महीना धरती पर सबसे गर्म!


एक हालिया स्टडी में दावा किया गया है कि कई लाख साल बाद यह महीना इतना गर्म है. विदेशों में लोग मई-जून की गर्मी को भूल रहे हैं, जुलाई वाली गर्मी कहर बरपा रही है. क्योंकि बीते 27 दिनों की गुणा-गणित के हिसाब से जुलाई का ये महीना धरती पर सबसे गर्म साबित हुआ है. यूरोप, उत्‍तरी अमेरिका और चीन में भयानक गर्मी से हालात बेकाबू हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती पर अब जितनी गर्मी पहले कभी नहीं हुई. मौसम विभाग (WMO) और EU की जलवायु परिवर्तन डिपार्टमेंट के मुताबिक जुलाई 2023 का ये महीना अप्रत्याशित रूप से गर्मी का नया रिकॉर्ड बना रहा है. वैज्ञानिकों ने पेड़, मूंगा की चट्टानों और कई और स्रोतों से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के आधार पर यह बात कही है. उनके मुताबिक यह तापमान पृथ्वी पर लगभग करीब सवा लाख सालों में अनुभव किया गया सबसे ज्‍यादा तापमान है.


'150 सालों में उबली धरती-वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी'


ठीक तीन साल पहले इसी जुलाई के महीने में अमेरिका की नॉर्दन एरिजोना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में दावा किया था कि पृथ्वी 6000 साल में जितनी ठंडी हुई थी, ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से 150 साल में ही उसका तापमान अब कहीं ज्यादा बढ़ चुका है. आने वाले वक्त में इसके और ज्यादा बढ़ने की आशंका है. वो रिसर्च एकदम सही साबित हुई और जुलाई 2023 के महीने में गर्मी ने दुनियाभर में अपने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए.