नई दिल्ली: गूगल ने आज मशहूर डेनिश रसायनशास्त्री सोरन पेडर लॉरित्ज सोरेनसन को याद करते हुए खास डूडल बनाया. ये डूडल फन से भरा है. आज के डूडल के साथ आप खेल भी सकते हैं. आज जिस स्केल के सहारे हम चीजों का पीएच लेवल नापते हैं उसको बनाने के श्रेय सोरेनसन को ही जाता है. पीएच स्केल एसिडिटी और खारेपन को मापने में उपयोग किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं केमिस्ट्री में इतना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सोरेनसन रसायनशास्त्री बनना ही नहीं चाहते थे. वे बल्कि मेडिसिन में अपना करियर बनाना चाहते थे.


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जानें सोरेनसन के बारे में खास बातें
- एस.पी.एल सोरेनसन का जन्म डेनमार्क के एक छोटे से शहर में 09 जनवरी 1868 को हुआ था. शिक्षा पाने के दौरान सोरेनसन की रुचि मेडिकल साइंस में हुई. वे इसी में अपना करियर बनाना चाहते थे. लेकिन मशहूर केमिस्ट एसएम जोर्जेंसन से प्रभावित होकर उन्होंने केमिस्ट्री को चुना और उसमें आगे की पढ़ाई की.


- सोरेनसन के पिता एक किसान थे. ऐसे में आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्हें भी पार्ट टाइम जॉब करना पड़ा था. डॉक्टरेट की पढ़ाई करते हुए वे एक लैब में अस्सिटेंट के रूप में कार्य करते रहे. इसी के साथ वे डेनमार्क के एक संस्थान में जियोलॉजिकल सर्वे का हिस्सा रहे. उन्होंने रॉयल नेवल डॉक्यार्ड में भी काम किया था.


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- सोरेनसन साल 1901 से 1938 तक कोपेनहेगन की मशहूर कार्ल्सबर्ग प्रयोगशाला के निदेशक के रूप में कार्यरत रहे. इसी लैब में काम करने के दौरान उन्होंने पीएच स्केल की खोज की.


- साल 1909 में सोरेनसन में पीएच स्केल की खोज की. पीएच स्केल से चीजों में मौजूद एसिडिटी को नापा जा सकता है. पीएच नापना अब विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हो गया है. इनमें दवा, जल उपचार और रसायन शास्त्र शामिल जैसे फील्ड भी शामिल हैं.


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- एस.पी.एल सोरेनसन के लिए उनकी पत्नी बड़ा सहारा थीं. सोरेनसन की दूसरी पत्नी भी एक वैज्ञानिक थीं. दोनों ने मिलकर कई खोज कीं. सोरेनसन अपनी पत्नी से काफी प्रेरणा भी लेते थे.