Google CEO Sundar Pichai बोले- मैं भले ही अमेरिकी लेकिन India मेरी रग-रग में बसा
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Google CEO Sundar Pichai बोले- मैं भले ही अमेरिकी लेकिन India मेरी रग-रग में बसा

दुनिया की जानी-मानी कंपनी Google के CEO Sundar Pichai ने भारत के प्रति अपने जुड़ाव को एक बार फिर जाहिर किया है. साथ ही उन्होंने दुनियाभर में ओपन इंटरनेट पर हो रहे हमलों को लेकर भी चिंता जताई है. 

फाइल फोटो

लॉस एंजेलिस​: दुनिया की सबसे प्रभावशाली हस्तियों में से एक गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक बार फिर भारत के प्रति अपने लगाव का इजहार किया है. चेन्नई में जन्में पिचाई ने कहा कि मैं भले ही अमेरिकी नागरिक हूं लेकिन भारत मेरी रग-रग में बसा हुआ है और आज जो कुछ भी हूं उसमें भारत का बड़ा हिस्सा है. भारतीय मूल के पिचाई ने एक इंटरव्यू के दौरान अपनी रूट्स को लेकर किए गए सवाल के जवाब में यह बातें कही हैं.

  1. ओपन इंटरनेट की वकालत
  2. भारत के प्रति जताया लगाव
  3. चीन को लेकर भी दिया बयान

'ओपन इंटरनेट पर हो रहे हमले'

सिलिकॉन वैली में गूगल सीईओ ने ओपन इंटरनेट और इससे जुड़ी चुनौतियों समेत कई मुद्दों पर बातचीत की है. चीन के इंटरनेट मॉडल पर पिचाई ने कहा कि आज फ्री और ओपन इंटरनेट पर हमले किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे कोई भी बड़े प्रोडक्ट और सर्विस चीन में ऑपरेशनल नहीं हैं.

टैक्स सिस्टम पर बात करते हुए पिचाई ने कहा कि हम अपने शेयर का बड़ा हिस्सा टैक्स के तौर पर अदा करते हैं और दुनिया के सबसे बड़े करदाताओं में से एक हैं. उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में गूगल ने औसतन 20 फीसदी कमाई को टैक्स के रूप में दिया है. उन्होंने कहा कि हम टैक्स का बड़ा हिस्सा अमेरिका में देते हैं क्योंकि हमारे प्रोडक्ट यहीं तैयार होते हैं.

गूगल और पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के प्रमुख पिचाई ने कहा कि जो भी देश स्वतंत्र इंटरनेट को आगे बढ़ाना चाहते हैं उन्हें इसके सामने आने वाली चुनौतियों का डटकर मुकाबला करना चाहिए. उनका यह बयान सोशल मीडिया को लेकर भारत में लागू किए गए नए कानूनों को लेकर था. 

क्यों लगातार बदलते हैं फोन?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह सबसे मजूबत तकनीकी है जिसपर इंसान काम करेगा. उन्होंने कहा कि अगर आप आग या बिजली या इंटरनेट के बारे में सोचें तो यह उसी तरह का है.

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अपने टेक हैबिट पर पिचाई ने कहा कि सभी को कम से कम दो बार वैरिफिकेशन से गुजरना चाहिए. साथ ही पासवर्ड प्रोटेक्शन को लेकर उन्होंने माना कि वह भी नई तकनीकी के टेस्ट के लिए लगातार अपना फोन बदलते रहते हैं.

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