India extends support to Russia at UNSC: भारत (India) भले ही यूक्रेन से युद्ध को लेकर रूस के रुख से असहमत हो लेकिन एक सच्चे दोस्त की तरह वह संकट में उसके साथ लगातार खड़ा है. इसकी बानगी शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में उस समय फिर दिखाई दी, जब रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर भारत वोटिंग से गैर-हाजिर हो गया. रूस (Russia) ने हालांकि वीटो का इस्तेमाल कर इस प्रस्ताव को पास होने से रोक दिया लेकिन इसके साथ ही भारत-रूस की मित्रता एक बार फिर दुनिया के सामने जगजाहिर हो गई.


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निंदा प्रस्ताव से गैर-हाजिर रहा भारत


रूस की ओर से यूक्रेन के 4 राज्यों को को खुद में मिलाए जाने की घोषणा के बाद अमेरिका और अल्बानिया ने मिलकर  UNSC में रूस (Russia) के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव में रूस के ‘अवैध जनमत संग्रह’ और यूक्रेनी क्षेत्रों पर उसके कब्जे की निंदा की गई थी. प्रस्ताव में मांग की गई थी कि रूस यूक्रेन से अपने बलों को तत्काल वापस बुलाए. परिषद के 15 देशों को इस प्रस्ताव पर मतदान करना था, लेकिन भारत समेत 4 देश प्रस्ताव से गैर-हाजिर हो गए. वहीं 10 देशों ने इसके फेवर में वोट डाले. 


रूस ने वीटो कर दिया प्रस्ताव


रूस ने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए प्रस्ताव को वीटो कर दिया, जिससे वह पास नहीं हो पाया. इसके साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया कि भारत (India) भले ही चीन से निपटने के लिए पश्चिमी देशों के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ा रहा है लेकिन वह अपने पुराने दोस्त रूस को भी संकट की स्थिति में अधर में छोड़ने को तैयार नहीं है. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने गुरुवार को कहा था कि धमकी या बल प्रयोग से किसी देश या उसके हिस्सों पर कब्जा करना संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन है. इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए.


पुतिन ने पश्चिमी देशों को दिखाया आइना


वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के 4 राज्यों का रूसी संघ (Russia) में विलय की घोषणा करने के दौरान पश्चिमी देशों को जमकर आइना दिखाया. पुतिन ने दूसरे विश्व युद्ध के अंतिम दिनों में अमेरिका की ओर से परमाणु हथियारों का इस्तेमाल, पश्चिमी देशों के 'उपनिवेशवाद', 'गुलाम व्यापार' और 'भारत में लूट' के पश्चिमी रिकॉर्ड पर निशाना साधा.


रूसी संघ (Russia) में चार पूर्व यूक्रेनी क्षेत्रों को शामिल करने पर संधियों पर हस्ताक्षर करने के बाद अपने भाषण में कहा कि अमेरिका दुनिया का एकमात्र देश है, जिसने एक बार नहीं बल्कि दो बार परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया है. उसने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों को नष्ट कर लाखों लोगों को मार दिया. उन्होंने कहा, "आज भी उन्होंने वास्तव में जर्मनी, जापान, कोरिया गणराज्य और अन्य देशों पर कब्जा करके रखा है. वहीं इन कब्जाए हुए देशों को सहयोगी करके उन के साथ खेलते भी हैं. 


'खून से रंगे हैं पश्चिमी देशों के हाथ'


पुतिन ने कहा, 'पश्चिम ने मध्य युग में अपनी औपनिवेशिक नीति शुरू की. फिर दास व्यापार, अमेरिका में भारतीय जनजातियों के नरसंहार, भारत में लूट, अफ्रीका की लूट, चीन के खिलाफ इंग्लैंड और फ्रांस के युद्धों में साथ दिया.' पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों के हाथ खून से रंगे हुए हैं और वे युद्ध पर रूस को नसीहत देते हैं. उन्होंने यूक्रेन को बातचीत का न्योता देते हुए कहा कि वे इस संबंध में चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन रूसी परिसंघ (Russia) में शामिल हुए हिस्सों को किसी भी कीमत पर वापस नहीं देंगे. 


(एजेंसी इनपुट भाषा- आईएएनएस)


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