Pilots slept in Flight: हवाई जहाज हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहा हो और दोनों पायलट सो जाएं. क्या आपने कभी सोचा है कि अगर ऐसा हो तो ऐसी सिचुएशन में क्या होगा? विमान में पायलट के ऊपर यात्रियों की जिम्मेदारी होती है और उनकी एक चूक से सैकड़ों लोगों की जान जा सकती है, लेकिन इंडोनेशिया में एक हैरान करने वाला मामला आया है. जब बाटिक एयर की फ्लाइट के पायलट और को-पायलट दोनों करीब आधे घंटे के लिए सो गए, जिसके बाद विमान रास्ता भटक गया. इस दौरान विमान में 153 यात्री सवार थे.


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ढाई घंटे की यात्रा में आधे घंटे सोते रहे दोनों पायलट


गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, घटना इसी साल जनवरी की है, जब बाटिक एयर की फ्लाइट सुलावेसी से जकार्ता जा रही थी. मामला सामने आने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं और दोनों पायलट के खिलाफ कार्रवाई की गई है. यह फ्लाइट 2 घंटे 35 मिनट की थी, लेकिन इसमें से आधे घंटे तक दोनों पायलट सोते रहे, लेकिन किसी तरह का हादसा नहीं हुआ. दरअसल, उड़ान के दौरान फ्लाइट का कैप्टन आराम करना चाहता था और वो को-पायलट को बोलकर सो गया, लेकिन, इसके कुछ देर बाद को-पायलट भी सो गया. जब, जकार्ता एयर कंट्रोल सेंटर से विमान के पायलट से संपर्क किया गया तो कोई जवाब नहीं मिला.


इस दौरान विमान रास्ता भटक गया था. जब, करीब 28 मिनट बाद पायलट की नींद खुली तो उसने देखा की उसका को-पायलट भी सो रहा है और विमान रास्ता भटक गया है. इसके बाद उसने को-पायलट को उठाया और एटीस से संपर्क कर विमान को सही रास्ते पर ले गया. गलत रूट पर जाने और एटीसी को जवाब न देने को लेकर दोनों पायलट ने बताया कि रेडियो कम्युनिकेशन की दिक्कत आ गई थी, जिससे वो संपर्क नहीं कर पा रहे थे. मामला सामने आने के बाद ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने बाटिक एयर को कड़ी फटकार लगाई है और जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही कहा है कि उड़ान के दौरान किसी तरह लापरवाही ना बरतने को लेकर चेतावनी भी दी है.


क्या होता है जब उड़ान के दौरान दोनों पायलट सो जाएं?


बता दें कि आजकल के विमान कई तरह ही हाईटेक सुविधाओं से लैस हैं और इनमें ऑटोपायलट की तकनीक होती है. ऑटोपायलट के दौरान विमान को कंट्रोल करने का पूरी जिम्मेदारी कंप्यूटर की होती है. लेकिन, ऑटोपायलट मोड के दौरान भी पायलट को विमान की गतिविधियों पर नजर रखनी होती है और बाकी काम ऑटोपायलट खुद करता रहता है. ऑटोपायलट मोड के दौरान पायलट का सो जाना खतरनाक हो सकता है.


कैसे काम करता है ऑटोपायलट मोड?


टेक ऑफ के बाद जब फ्लाइट एक निर्धारित ऊंचाई पर पहुंच जाती है और मौसम साफ होने के साथ ही किसी तरह का खतरा नहीं होने पर पायलट ऑटोपायलट मोड को ऑन कर देते हैं. इस दौरान कंप्यूटर ही विमान को कंट्रोल करता है, लेकिन यह पूरी तरह से सेफ नहीं है. कंप्यूटर विमान की स्पीड के साथ ही उसे एक निर्धारित रूट पर लेकर जाता है. लेकिन, जब प्लेन निर्धारित रूट से अलग जाता है या निर्धारित एयरपोर्ट के पास पहुंचता है तो ऑटोपायलट को डिस्कनेक्ट कर इसे पायलट को कंट्रोल करना पड़ता है. एक निर्धारित समय पर ऑटोपायलट मोड बंद नहीं किया गया तो कॉकपिट में एक हूटर बजने लगता है और पायलट को अलर्ट करता है. लेकिन, दोनों पायलट अगर नींद में सो रहे हों और हूटर को नजरअंदाज कर दें तो यह किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है.