Iran denies attack on Salman Rushdie: सलमान रुश्दी पर हुए हमले के बाद से ही ईरान लगातार सवालों में है. इस बीच ईरान की सरकार के एक अधिकारी ने सोमवार को सलमान रुश्दी पर हुए हमले में तेहरान का हाथ होने की बात से इनकार किया. रुश्दी पर शुक्रवार को हुए हमले के बाद ईरान की ओर से जारी यह पहला सार्वजनिक बयान है. बता दें कि ईरान में कई कट्टरपंथी समाचार पत्रों ने शनिवार को लेखक सलमान रुश्दी के हमलावर की जमकर तारीफ की थी.


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इसलिए भी ईरान पर है शक


वर्ष 1988 में सलमान रुश्दी का 'द सैटेनिक वर्सेज' (The Satanic Verses) नाम से एक उपन्यास आया था. 1989 में ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह खुमैनी ने इसे इस्लाम धर्म का अपमान बताते हुए  सलमान रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया था. अयातुल्लाह खुमैनी ने सलमान रुश्दी की हत्या करने वाले को 3 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी.


क्या कहा ईरान के विदेश मंत्रालय ने


वहीं, सोमवार को ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा, ‘‘ हमें नहीं लगता कि अमेरिका में सलमान रुश्दी पर हुए हमले को लेकर उनके समर्थकों के अलावा किसी और को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.’’ गौरतलब है कि रुश्दी (75) पर शुक्रवार को न्यूयॉर्क में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान न्यूजर्सी के 24 वर्षीय युवक ने चाकू से हमला कर दिया था. अमेरिकी अधिकारियों ने इसे ‘लक्षित, बिना किसी उकसावे के और एक साजिश के तहत किया गया’ हमला बताया है.


अमेरिका ने जताया था शक


अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिेकन ने दावा किया था कि ईरान के सरकारी संस्थानों ने भारतीय मूल के लेखक के खिलाफ काफी समय तक हिंसा भड़काई और सरकारी मीडिया ने भी हाल ही में उन पर हुए हमले की निंदा नहीं की. ऐसे में पूरा संदेह है कि इस हत्या के पीछे ईरान का हाथ हो सकता है.


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