Russian School Military Training: यूक्रेन के खिलाफ रूस ने पिछले 10 महीने से जंग छेड़ रखी है. पश्चिमी मोर्चे पर उसके सैनिक यूक्रेनी जवानों से लड़ रहे हैं. लेकिन रूस अब लड़खड़ाता हुआ नजर आ रहा है. पश्चिमी देश यूक्रेन को जमकर समर्थन दे रहे हैं, जिसका शायद रूस अंदाजा लगाने में नाकाम रहा. मिसाइल-रॉकेट हमले से लेकर तमाम हथकंडे अपना चुका रूस अब बच्चों को भी जंग की आग में झोंकने की तैयारी कर रहा है. 


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रूस स्कूलों में सोवियत काल की ट्रेनिंग शुरू करने जा रहा है, जिसमें बच्चों को हथियारों की असेंबलिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी. पैरेंट्स ट्रेनिंग शुरू करने के इस आदेश से काफी नाराज हैं. सरकारी न्यूज एजेंसी TASS की रिपोर्ट के मुताबिक देश के शिक्षा मंत्री सर्गेई क्रावत्सोव ने बुधवार को कहा कि पूरे देश में अगले अकैडमिक ईयर से स्कूल के सिलेबस में यह कोर्स जोड़ा जाएगा. 


सर्गेई क्रावत्सोव ने कहा, 'अगले अकैडमिक ईयर से स्कूली सिलेबस में इसे शामिल किया जाएगा. फिलहाल इसकी ड्राफ्टिंग चल रही है और 1 जनवरी से इसे टेस्ट के लिए शुरू कर दिया जाएगा.' शिक्षा मंत्री की टिप्पणी ज़्नानिये (नॉलेज) शैक्षिक पुरस्कार के मानद जूरी पैनल के साथ बैठक के बाद आई है.


बच्चों को दी जाएगी ट्रेनिंग


रिपोर्ट्स में कहा गया कि शुरुआती मिलिट्री ट्रेनिंग प्रोग्राम में बच्चों को बताया जाएगा कि हथियारों को कैसे जोड़ना और अलग करना है. साथ ही प्राथमिक उपचार कैसे देना है, इसकी भी जानकारी दी जाएगी. बता दें कि परमाणु या रासायनिक हमले का जवाब कैसे दिया जाए, इस पर ट्रेनिंग का हिस्सा 1993 में खत्म कर दिया गया था. ए जस्ट रूस पार्टी के प्रमुख सर्गेई मिरोनोव ने रूसी मीडिया को बताया था कि ट्रेनिंग प्रोग्राम दुश्मन के साथ संभावित टकराव के लिए नागरिकों को व्यवस्थित रूप से तैयार करेगा.


माता-पिता कर रहे विरोध


इस बीच, रूस में पैरेंट्स ने इस आदेश पर नाराजगी जताई है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हाई स्कूलों में बुनियादी हथियारों की ट्रेनिंग बहाल की जाएगी. रूसी अखबार मोस्कोवस्की कोम्सोमोलेट्स ने एक परेशान पैरेंट को कोट करते हुए कहा था कि वह इस कदम का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हमें अपने बच्चों को स्कूल में युद्ध के लिए नहीं बल्कि शांतिपूर्ण सुखी जीवन के लिए तैयार करना चाहिए. 21वीं सदी में बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण और फिजिकल मिलिट्री एजुकेशन के लिए कोई जगह नहीं है.'


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