आखिर मार ही डाला! नसरल्लाह की गद्दी पर बैठने से पहले हाशेम सफीद्दीन पहुंचा जहन्नुम, इजरायल ने हिजबुल्‍ला की उधेड़ी बखिया
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आखिर मार ही डाला! नसरल्लाह की गद्दी पर बैठने से पहले हाशेम सफीद्दीन पहुंचा जहन्नुम, इजरायल ने हिजबुल्‍ला की उधेड़ी बखिया

Hashem Safieddine Death Confirm: हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह के बाद संभावित उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन को भी इजरायल ने मार डाला था.अब तक हाशिम की मौत पर हिजबुल्लाह की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया था, लेकिन अब इजरायल ने दावा किया है कि हाशेम सफीउद्दीन को बेरूत में हवाई हमले मे मार डाला गया है. जानें पूरी खबर.

 

आखिर मार ही डाला! नसरल्लाह की गद्दी पर बैठने से पहले हाशेम सफीद्दीन पहुंचा जहन्नुम, इजरायल ने हिजबुल्‍ला की उधेड़ी बखिया

Hashem Safieddine Death: इजरायल की एयर स्ट्राइक में लेबनान में हिजबुल्ला (Hezbollah) के संभावित उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन को मार डाला गया है. यह खबर हिजबुल्ला की कमर तोड़ देगी क्योंकि अभी तक  सफीद्दीन की मौत की पुष्टि नहीं हुई थी. मंगलवार शाम को एक बयान में इजराइली सेना ने कहा कि दहियाह के उपनगर में हमलों में तीन सप्ताह पहले आतंकवादी समूह की खुफिया शाखा के प्रमुख हाशेम सफ़ीद्दीन और अली हुसैन हाज़िमा की मौत हो गई थी. यह पहली बार था जब इजराइल ने पूर्व महासचिव हसन नसरल्लाह के बाद हिजबुल्ला में सबसे वरिष्ठ राजनीतिक अधिकारी की हत्या की पुष्टि की है. हिजबुल्ला ने अभी तक इज़राइल के दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

4 अक्टूबर को हुई मौत
बेरुत के दक्षिणी इलाके में 4 अक्तूबर को हुए हमले में हाशेम सफीद्दीन मारा गया. इस हमले में हिजबुल्लाह के 25 और नेता भी मारे गए थे. इजरायली सेना ने 19 दिन बाद हाशेम के मारे जाने की पुष्टि की है. वहीं हिजबुल्लाह ने अभी तक सफीदीन की मौत की पुष्टि नहीं की है. अमेरिकी समाचार साइट एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना के अनुसार, उनकी वायु सेना ने लेबनान की राजधानी में बमबारी अभियान के दौरान हिजबुल्लाह के एक वरिष्ठ नेता सफीउद्दीन को निशाना बनाया.

खुफिया मुख्यालय पर कर रहा था मीटिंग
इस बीच, अल-अरबिया और अल-हदथ नेटवर्क ने इजरायली स्रोतों का हवाला देते हुए बताया है कि हिजबुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख और हसन नसरल्लाह के संभावित उत्तराधिकारी हाशेम सफीउद्दीन की हत्या कर दी गई है. इन मीडिया आउटलेट्स ने कहा कि हाशेम सफीउद्दीन की मौत गुरुवार, 3 अक्टूबर की शाम को बेरूत के उपनगरीय इलाके में हिजबुल्लाह के खुफिया मुख्यालय पर इजरायली हमले में हुई. सफीउद्दीन को हिजबुल्लाह के महासचिव के रूप में हसन नसरल्लाह की जगह लेने के लिए संभावित उम्मीदवार माना जाता था.

इजरायल ने कैसे मारा?
एक इजरायली अधिकारी ने कहा कि माना जाता है कि हमले के समय सफीउद्दीन एक गहरे भूमिगत बंकर में था. हिजबुल्लाह ने सफीउद्दीन की मौत के बारे में इजरायल के दावों की आधिकारिक रूप से पुष्टि या खंडन नहीं किया है. हिजबुल्लाह के एक प्रमुख व्यक्ति की संभावित हत्या इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है. जिस तरह दोनों देशों के बीच तनाव मचा है.

कौन था हाशेम सफीद्दीन?
हाशेम सफीद्दीन का जन्म 1964 में दक्षिणी लेबनान के एक शहर में हुआ था, सफीद्दीन ने शिया धर्म के सबसे बड़े दो शैक्षणिक केंद्रों इराक के नज़फ और ईरान के कोम से शिक्षा हासिल की. सफीद्दीन का ताल्लुक एक बेहद प्रतिष्ठित शिया परिवार से था, उनके परिवार के कई सदस्य शिया धर्मगुरु और लेबनान के सांसद भी रह चुके हैं.

2017 में अमेरिका ने घोषित किया आतंकवादी
हाशेम सफीद्दीन हिजबुल्लाह के एक्जीक्यूटिव काउंसिल को लीड करने के साथ-साथ शुरा काउंसिल का सदस्य और वह संगठन के जिहाज काउंसिल का भी प्रमुख था. अमेरिका ने साल 2017 में हाशेम को आतंकवादी घोषित किया था, वहीं सऊदी अरब ने भी हाशेम को आतंकी करार देते हुए उसकी संपत्ति जब्त कर ली है.

हसन नसरल्लाह जैसे पहनावा
बताया जाता है कि सफीद्दीन का हाव-भाव, पहनावा और आवाज नसरल्लाह जैसे था. वह नसरल्लाह की ही तरह सिर पर काला साफा बांधे दिखता है. अगर हाशेम को नसरल्लाह की परछाईं कहा जाए तो शायद ये गलत नहीं होगा, लेकिन जानकार मानते थे कि अगर हाशेम को हिजबुल्लाह की कमान मिलती तो उसके नेतृत्व में संगठन ज्यादा आक्रामकता से काम करता.

ईरान के साथ मजबूत रिश्ता
हाशेम सफीद्दीन के ईरान से गहरे ताल्लुक थे, ईरान के कुद्स फोर्स के पूर्व कमांडर कासिम सुलेमानी की बेटी और सफीद्दीन के बेटे का साल 2020 में निकाह हुआ था. ईरान के साथ मजबूत संबंधों और दशकों से संगठन में बड़े प्लेयर की भूमिका निशाने के चलते हिजबुल्लाह चीफ के तौर पर हाशेम की दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी थी. हालांकि हिजबुल्लाह में नंबर दो पर काबिज उप महासचिव नईम कासिम का नाम भी इस पद के लिए सामने आ रहा था जो लंबे समय से संगठन से जुड़े हैं और प्रतिष्ठित शिया स्कॉलर भी हैं.

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