Netanyahu Assault on Gaza Via Egypt: इजरायल अपने नागरिकों पर आतंकवादी संगठन हमास के हमलों के बाद इंतकाम की आग में जल रहा है. इस त्रासदी का बदला लेते हुए उसने गाजा (Gaza) पर बमबारी करते हुए हमास के अधिकांश ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है. हमास के आका मिडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया के देशों में दुबके बैठे हैं. इस बीच इजरायल हमास की जंग (Israel Hamas war) के 100 दिन पूरे होने पर यूरोप के चंद शहरों में फिलिस्तीन समर्थकों ने गाजा पर हमला रोकने के लिए प्रदर्शन किए गए हैं. वहीं दूसरी ओर इजरायल का बदला अभी पूरा नहीं हुआ है. इसलिए पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पर फाइनल असॉल्ट से जुड़ा वो फैसला लिया है जिसके बारे में कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा.


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नेतन्याहू का गाजा पर फाइनल असॉल्ट- गाजा को इजिप्ट से काट देंगे


इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने कहा है कि मिस्र और गाजा के बीच की सीमा को हमेशा के लिए बंद कर देना चाहिए, ताकि हमास के आतंकियों का सेफ हैवेन एक्जिट बंद हो सके. नेतन्याहू ने ये भी कहा, 'यह एक ऐसा कदम होगा जो सही मायने में इजरायल को फिलिस्तीनी दुनिया तक पहुंच पर पूर्ण नियंत्रण देगा.'



कब तक चलेगी जंग?


नेतन्याहू ने कहा कि इज़रायल तब तक युद्ध समाप्त नहीं करेगा जब तक वो फिलाडेल्फी कॉरिडोर को पूरी तरह से बंद नहीं कर देता, जो कि मिस्र और गाजा के बीच सीमा पर बफर जोन के रूप में काम करने वाली 14 किमी की लंबी पट्टी है. हमास के टॉप टू बॉटम गुर्गे इसका इस्तेमाल सेफ एंट्री और एक्जिट के लिए करते हैं. दूसरे देश से जुड़े होने की वजह से यहां पर सीधा हमला करना इजरायल के लिए मुश्किल है. ऐसे में इस फैससे से नेतन्याहू अपने देश की सुरक्षा की सबसे बड़ी चिंता का स्थाई समाधान निकाल लेना चाहते हैं.


नेतन्याहू ने कहा, 'हम हमास को नष्ट कर देंगे, हम गाजा में हथियार नाम की चीज नहीं रहने देंगे. खासकर सैन्य उपकरण और अन्य घातक हथियार जो हमेशा इसी दक्षिणी द्वार में इजरायल पर वार करने के लिए आते है, उनकी आमद बंद नहीं होगी. ऐसे में इसलिए निश्चित रूप से हमें इस सीमा को बंद करने की जरूरत है.'


 



इजिप्ट बॉर्डर का फायदा उठाता है हमास


इजिप्ट यानी मिस्र, इजरायल को इस गलियारे में सैन्य अभियानों के खिलाफ चेतावनी दे चुका है. इजिप्ट की सरकारी मीडिया अहराम ऑनलाइन  ने एक अज्ञात सोर्स का हवाला देते हुए पिछले साल अक्टूबर में अपनी एक रिपोर्ट में लिखा था कि फिलाडेल्फी कॉरिडोर में किसी भी इजरायली घुसपैठ को 1979 की मिस्र-इजरायल शांति संधि का उल्लंघन माना जाएगा. ऐसे में नेतन्याहू का ये फैसला शत-प्रतिशत लागू कराना आसान नहीं होगा. 


इजिप्ट का बयान


वहीं इजिप्ट के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अहमद अबू ज़ैद ने टीवी चैनल सदा अल-बलाद को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि उनका देश अपनी सीमाओं पर पूर्ण नियंत्रण रखता है. कॉरिडोर बाधित करना एक कानूनी मुद्दा है इससे देशों के बीच सुरक्षा समझौते जुड़े हैं. इसलिए इस मामले पर कोई भी बातचीत आम तौर पर जांच के अधीन होती है और अधिकारिक जवाब दिया जाता है. हमारी इजरायल की हर एक्टिविटी पर नजर बनी हुई है.'


भौगोलिक परिस्थितियां हमास के अनुकूल


दरअसल इजरायल गाजा को इजिप्ट से इसलिए काटना चाहता है कि उसे दो दिशाओं से लगने वाली इजरायली सीमा की सुरक्षा करनी है. भोगोलिक स्थितियों की बात करें तो भूमध्यसागरीय तट और हवाई क्षेत्र हर जगह इजरायल को चौकन्ना रहना पड़ रहा है. राफ़ा सिटी में मिस्र के साथ लगी यह क्रासिंग सीमा को पार करने का एकमात्र पॉइंट है जो इज़राइल द्वारा नियंत्रित नहीं है. हालांकि यहां अभी भी लोगों की सीमित और इजिप्ट प्रशासन की नौकरशाही को आवागमन की खुली छूट है. इसलिए वो इजरायल के इस क्रासिंग को हमेशा के लिए ब्लॉक करने का विरोध कर रहा है.


नेतन्याहू ने क्या छिपाया?


वहीं नेतन्याहू के मुताबिक, इजरायली अधिकारियों ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वे मिस्र के साथ गाजा की सीमा को बंद करने के लिए कैसे आगे बढ़ेंगे. ऐसे में एन्क्लेव पर नए सिरे से इजरायल का नियंत्रण कैसे होगा क्योंकि इस फैसले से गाजा में फिलिस्तीनियों की सीमित संप्रभुता के लिए ये एक बड़ा झटका होगा.