Khamenei threatens Israel in rare Friday: मिडिल-ईस्ट जंग के मुहाने पर खड़ा है. ईरान ने मंगलवार को इजरायल पर बड़ा हमला किया था. इसके बाद नेतन्याहू ने सही समय पर, सही जगह पर हमले करने की धमकी दे दी. अब शुक्रवार को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस तनाव को और बढ़ा दिया, जब कहा कि ईरान से जिस अंदाज में इजरायल पर मिसाइल से हमला किया है, वह बहुत काबिलेतारीफ है. और मौका लगा तो हम हिचकेंगे नहीं, और दोबारा हमला करेंगे.


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मिडिल ईस्ट जंग के मुहाने पर?
पूरी दुनिया की नजर अब इजरायल पर है. इजरायल ईरान के तेल भंडारण पर हमला करता है या परमाणु संयत्रों पर, इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. ऐसे में यह भी आशंका जताई जा रही है कि इन दोनों देशों के बीच अगर युद्ध छिड़ता है तो वह एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष का रूप ले लेगा जोकि पूरे मध्य पूर्व को अपनी चपेट में ले सकता है. लोग एक दूसरे देशों की तुलना, ताकत, और कमजोरी पर बात कर रहे हैं. 


क्या कमजोर पड़ गया इजरायल?
इस बीच कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि क्या इजरायल ईरान से कमजोर पड़ रहा है? ईरान के हमलों के बाद क्या इजरायल चुप बैठेगा? और सबसे बड़ा सवाल कि आखिर ईरान इतना कैसे ताकतवर हो गया कि इजरायल पर हमला करके दोबारा हमला करने की धमकी दे रहा है. जबकि अभी तक इस लड़ाई में रूस और चीन दोनों ने खुलकर ईरान की मदद नहीं की है. चोरी-छिपे दोनों देशों के ईरान से कैसे रिश्ते हैं पूरी दुनिया को पता है. अमेरिका के विरोध में यह दोनों देश कुछ भी कर सकते हैं. 


आइए समझते हैं आखिर ईरान किसके दमपर 'दरोगा' बन रहा है?
ईरान के पास ताकत की दो वजह सामने आ रही हैं. 
नंबर 1:- अरब देशों का ईरान को समर्थन
आपको बता दें कि मिडिल ईस्ट में कुल 18 देश हैं, इनमें से 13 अरब दुनिया का हिस्सा हैं. आइए जानते हैं कि ईरान-इजरायल और लेबनान की जंग में इन 13 खाड़ी देश का रुख क्या है? अभी तक इन देशों ने क्या किया है.


ईरान: ईरान पूरी तरह से लेबनान के साथ खड़ा और हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की मौत का बदले लेने के लिए इजरायल पर मंगलवार को 180 से ज्यादा मिसाइलें दागीं.

इराक: फिलहाल इस जंग से बाहर है, ईरान से इसकी दुश्मनी सभी जानते हैं, ईरान के इजरायल पर हमले का जश्न यहां भी लोगों ने मनाया. ईरानी समर्थित संगठनों ने इस हमले का समर्थन किया है. ईरान की मिसाइल सीरिया और इराक की हवाई सीमा को क्रॉस करके इजरायल में गिरीं.


लेबनान: इजराइल से सीधी जंग लड़ रहा है.


बहरीन: बहरीन ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि वह किस तरफ है. हालांकि इस देश के कुछ दल ईरान का समर्थन कर रहे हैं, इस देश ने 2020 से अपने संबध इजरायल से ठीक कर लिए थे.


फिलीस्तीन: 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमले किए थे. इसके बाद से इजरायल लगातार फिलिस्तीन और गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है. हमास के समर्थन में ही लेबनानी संगठन हिजबुल्लाह इजरायल से जंग कर रहा है.


सीरिया: इजराइल के खिलाफ रहा है, जंग लड़ता रहा है. इजरायल ने सीरिया में भी हमले किए हैं.


यूएई: नसरल्लाह की मौत पर खामोश है. कुछ भी नहीं बोल रहा है. इस देश ने 2020 से अपने संबध इजराइल से ठीक कर लिए थे.


यमन: इजरायल ने यमन में भी कई ठिकानों पर बमबारी की है.


जॉर्डन: जॉर्डन ने खुद को इस जंग से अलग रखा हुआ है. जॉर्डन पीएम ने कहा है कि वो अपने देश को युद्ध का मैदान नहीं बनने देंगे. उन्होंने अपने एयर स्पेस को भी बंद कर दिया है.


कुवैत: कुवैत ने कहा कि उसने अपने एयर स्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत यूएस को नहीं दी है. कुवैत ने यूएन में नेतनयाहू के भाषण का भी बहिष्कार किया था.


ओमान: इजराइल का विरोध करता रहा है. इसकी दोस्ती ईरान से भीहै और यूएस से भी. शांति की अपील कर रहा है.


कतर: नसरल्लाह की मौत पर खामोश हैं, अभी तक कोई बयान नहीं दिया गया. हालांकि इस देश ने अपने एयर स्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत यूएस को नहीं दी है.


सऊदी अरब: सऊदी अरब ने भी खुद को जंग से दूर रखा है. सऊदी द्वारा इजराइल की निंदा तो की गई, लेकिन अभी तक किसी के साथ खुलकर नहीं आया है. यूएन में नेतन्याहू के भाषण का भी बहिष्कार किया था.


अब बात दूसरे वजह की तो ईरान के पास जो हथियार हैं, वही उसकी सबसे बड़ी ताकत हैं. आइए जानते हैं कैसे
ईरान की एजेंसी आईआरजीसी ने कहा था कि ईरान के इजरायल पर 90 प्रतिशत हमले सफल हुए हैं और निशाने पर लगे हैं. अब हम जानते हैं कि ईरान के पास ऐसे कौन से ताकतवर हथियार हैं जो इजरायल के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं.


ईरान अपने मिसाइलों के दमपर भी कूद रहा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के पास कई ताकतवर हथियार हैं, जिसमें 'अबू महदी मिसाइल', फतह हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल, मुहाजिर-10 ड्रोन, सेवोम खोरदाद और सैय्यद बख्तरबंद लड़ाकू वाहन शामिल है. ईरान के ये हथियार इजरायल के लिए चुनौती साबित हो सकते हैं.


  • अबू महदी मिसाइल समुद्र, जमीन और हवा से लॉन्च की जा सकती है. इस मिसाइल की रेंज एक हजार किमी से अधिक है. यह मिसाइल कई गति सीमाओं पर उड़ान भर सकती है.

  • वहीं ईरान की 1400 किमी रेंज वाली फतह-1 हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल 13 से 15 मैक तक की रफ्तार पकड़ सकती है. ये मिसाइल उड़ान में पैंतरेबाजी कर सकती है.

  • इसके अलावा ईरान के पास मुहाजिर-10 ड्रोन है जो 24 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है. इसकी रेंज दो हजार किमी है. यह 210 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है. इतना ही नहीं यह ड्रोन तीन हजार किलोग्राम तक का वॉरहेड ले जा सकता है और सात हजार मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है.

  • सेवोम खोरदाद: ईरान की एक मध्यम दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली है. इसे मई 2014 में लॉन्च किया गया था. सेवोम खोरदाद, वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) का एडवांस वर्जन है. यह एयर डिफेंस सिस्टम एक साथ 350 किमी तक की दूरी पर 100 लक्ष्यों को ट्रैक करके उनमें से चार को निशाना बना सकता है. ईरान ने अपने एयर डिफेंस की ताकत जून 2019 को अमेरिका को दिखाई थी.


ईरान के पास बख्तरबंद लड़ाकू वाहन
इन सब के अलावा ईरान पर सैय्यद एक बख्तरबंद लड़ाकू वाहन है. इस लड़ाकू वाहन को इस हिसाब से डिजाइन किया गया कि युद्ध के मैदान में दुश्मनों के खिलाफ प्रभावी ढंग से लड़ा जा सके. इसका उद्देश्य सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और दुश्मन पर प्रभावी हमला करना है, इसे उच्च सुरक्षा और फायरपावर के साथ विकसित किया गया है. वाहन का डिजाइन और तकनीक इसे विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाती है. यह वाहन गोला-बारूद का सामना कर सकता है, कठिन भूभाग पर चल सकता है.


कौन ताकतवर यह समय बताएगा
बता दें कि ईरान के पास ताकतवर हथियार हैं जो उसे एक महत्वपूर्ण सैन्य शक्ति बनाती हैं. लेकिन पूरी दुनिया में अपने दुश्मनों से बदला लेने में माहिर इजरायल अब किस तरह ईरान से बदला लेता है, इस पर सभी की नजर है. ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई अपनी ताकत दिखा पाएंगे या होंगे कमजोर यह समय बताएगा. अभी तो वह पूरे दुनिया के मुस्लिमों को एकजुट होने की बात कह रहे हैं.


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