टोक्यो: हांगकांग (Hong Kong) के मुद्दे पर चीन विरोधी अमेरिकी अभियान में जापान शामिल नहीं होगा. समाचार एजेंसी क्योदो के मुताबिक, चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर संयुक्त रूप से उसके खिलाफ निन्दात्मक बयान जारी करने के अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों के फैसले से जापान सरकार ने खुद को अलग कर लिया है.


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रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने चीन द्वारा 28 मई को पारित नए सुरक्षा कानून के लिए उसकी निंदा करते हुए कहा था कि यह स्वतंत्रता के लिए खतरा होगा और पूर्व उपनिवेश की स्वायत्तता पर 1984 के चीन-ब्रिटिश समझौते को भंग कर देगा. 


हालांकि, टोक्यो ने 28 मई को अलग से बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि चीन द्वारा नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को मंजूरी देना गंभीर रूप से चिंता का विषय है. बीजिंग के इस कदम से हांगकांग की विशेष स्वायत्तता और स्वतंत्रता खतरे में पड़ सकती है. लेकिन अब वह चीन विरोधी अंतर्राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा नहीं बनना चाहता.


दरअसल, जापान, अमेरिका और चीन के बीच तनाव को लेकर बड़ी अजीब से स्थिति में है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) जापान की यात्रा पर आ सकते हैं, इसलिए वह कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहता जिससे उसके संबंध चीन के साथ प्रभावित हों. जिनपिंग को अप्रैल की शुरुआत में जापान आना था, मगर कोरोना संकट (Corona Virus) को देखते हुए उसे स्थगित कर दिया गया.


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