लाहौर: पाकिस्तान की एक अदालत ने पंजाब प्रांत की विधानसभा में विपक्ष के नेता और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के प्रमुख शहबाज़ शरीफ के बेटे हमज़ा शहबाज़ की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. जियो टीवी ने खबर दी है कि न्यायमूर्ति मलिक शहज़ाद अहमद खान की अगुवाई वाली लाहौर उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों की पीठ ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एबीए) को अगले नोटिस तक हमज़ा को गिरफ्तार करने से रोक दिया है. अदालत ने हमज़ा को एक करोड़ रुपये का ज़मानती मुचलका देने का आदेश भी दिया और एनएबी को नोटिस जारी करके मामले पर जवाब तलब किया है. एनएबी ने शुक्रवार और शनिवार को शरीफ के मॉडल हाउस आवास पर हमज़ा को गिरफ्तार करने के लिए दो दिन छापेमारी की थी.


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सोमवार को सुनवाई के दौरान हमज़ा के वकील ने अदालत से कहा, ‘‘ पहले के आदेश में उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि हमज़ा को उनकी गिरफ्तारी से 10 दिन पहले सूचित किया जाए.  लाहौर उच्च न्यायालय ने मेरे मुवक्किल को रमज़ान शुगर मिल मामले में ज़मानत दी है. ’’ पीएमएल-एन नेता के वकील ने कहा कि हमज़ा पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और 10 दिन का आदेश इसलिए जारी किया गया था क्योंकि ज़मानत के लिए उचित मंच से संपर्क किया जा सके.


वकील ने कहा कि हमज़ा अग्रिम ज़मानत देने का अनुरोध कर रहे हैं ताकि वह एनएबी के समक्ष पेश हो सकें. न्यायमूर्ति शहज़ाद ने एनएबी के अभियोजक से उस मामले के बारे में पूछा जिसमें वे हमज़ा को गिरफ्तार करना चाह रहे हैं.  इस पर पीएमएल-एन नेता के वकील ने कहा कि आय से अधिक संपत्ति मामले में उनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया गया था. एनएबी के अभियोजक ने कहा, ‘‘एनएबी लाहौर हमज़ा के खिलाफ तीन मामलों की जांच कर रहा है. ’’


इस पर हमज़ा के वकील ने कहा, ‘‘एनएबी को हमारे खिलाफ सबूतों को साझा करना चाहिए और हम जवाब देंगे.  हमज़ा ने एक नवंबर को भी लाहौर उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था और वह बेगुनाह हैं. ’ बहरहाल, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने एनएबी को अगले नोटिस तक हमज़ा को गिरफ्तार करने से रोक दिया और एजेंसी से जवाब तलब किया. मामले की सुनवाई 17 अप्रैल तक टाल दी गई है.