नई दिल्ली : पोप फ्रांसिस ने स्वीकार किया कि उन्हें वेनेजुएला में राजनीतिक संकट खत्म करने के वास्ते वार्ता फिर से शुरू करने में मदद करने संबंधी अनुरोध राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की ओर से प्राप्त हुआ है लेकिन जब तक विपक्षी नेता जुआन गुएडो इसका अनुरोध नहीं करते तब तक वह इसमें कोई पहल नहीं करेंगे. फ्रांसिस ने मंगलवार को स्वीकार किया कि उन्होंने मादुरो के पत्र को नहीं पढ़ा था, जो राजनयिक माध्यम से वेटिकन पहुंचा था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रास्ते में की पत्रकारों से बातचीत
उन्होंने कहा, ‘‘हम देखेंगे कि इसमें क्या किया जा सकता है.’’ लेकिन संयुक्त अरब अमीरात से अपने घर लौटने के दौरान रास्ते में पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि मादुरो और विपक्ष के बीच बातचीत में मदद के लिए वेटिकन की तरफ से किया गया पिछला कूटनीतिक प्रयास बेकार चला गया था.


दोनों पक्षों को रहना होगा तैयारःपोप
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पहले पत्र को पढ़ूंगा, फिर मैं देखूंगा कि इसमें क्या किया जा सकता है. लेकिन इसकी प्रारंभिक शर्त यह है कि दोनों पक्षों को इसके लिए तैयार होना होगा’’ हालांकि, वेनेजुएला में गुएडो के नेतृत्व में विपक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रस्ताव पर बातचीत मादुरो के सत्ता से हटने की शर्तों पर ही शुरू की जाएगी. 


क्या है पूरा मामला...
गौरतलब है कि अमेरिका और कई यूरोपीय देशों समेत दर्जनों देशों ने सदन के नेता गुएडो को वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में मान्यता दी है. इससे देश में भारी राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है. मादुरो ने एक बयान में कहा था कि उन्होंने पोप फ्रांसिस को पत्र भेजा है. मादुरो ने कहा, ‘‘मैं पोप से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने का आग्रह करता हूं, उनका मार्गदर्शन हमें संवाद का रास्ता अपनाने में मदद करता है और सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद करता हूं.’’