सुनक सरकार ने दिया भारतीय छात्रों को झटका, बंद होगा ग्रेजुएशन वीजा रूट, क्या चुनाव में पकड़ेगा तूल?
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सुनक सरकार ने दिया भारतीय छात्रों को झटका, बंद होगा ग्रेजुएशन वीजा रूट, क्या चुनाव में पकड़ेगा तूल?

Rishi Sunak : ब्रिटेन सरकार की माइग्रेशन एडवाइजरी कमिटी ने ग्रेजुएट वीजा रूट को बंद करने की योजना बनाई है. कहा जा रहा है, कि यूके के जनवरी 2025 के आम चुनाव में यह एक अहम मुद्दा हो सकता है. 

Rishi Sunak

Britain : ब्रिटेन की सरकार भारतीय छात्रों को बड़ा झटका देने वाली है. सरकार की माइग्रेशन एडवाइजरी कमिटी ने ग्रेजुएट वीजा रूट को बंद करने की योजना बनाई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह  इस प्रावधान को लागू होते ही हर साल करीब 91 हजार भारतीय छात्रों को ग्रेजुएशन रूट से वीजा एंट्री नहीं मिल पाएगी. बताया जा रहा है, अभी हर साल करीब एक लाख 30 हजार भारतीय छात्रों को इसके जरिए एंट्री मिलती है. तो वहीं कटौती के बाद केवल 39 हजार छात्रों को ही एंट्री मिल पाएगी. 

2025 के आम चुनाव में अहम मुद्दा

2021 में शुरू हुए ग्रेजुएशन वीजा रूट से भारतीय और अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों को मास्टर्स पढ़ाई पूरे होने के दो साल तक ब्रिटेन में रहने और जॉब करने की इजाजत मिलती है. ऐसा भी कहा जा रहा है, कि यूके के जनवरी 2025 के आम चुनाव में यह एक अहम मुद्दा है. 

25 लाख भारतीय नाराज 
सरकार की इस प्लानिंग के बाद से विपक्ष की लेबर पार्टी के अध्यक्ष कीथ स्ट्रेमर का कहना है, कि सरकार का यह फैसला चुनावी साल में भारी पड़ने वाला है. इससे ब्रिटेन में रहने वाले 25 लाख भारतीय वोटर नाराज हैं. छात्रों को ग्रेजुएशन वीजा मिलने से उनका इमिग्रेशन का दावा मजबूत होता है, क्योंकि पढ़ाई के दो साल तक स्टे की छूट मिलने से इन छात्रों को स्किल्ड वर्कर की कैटिगरी मिल जाती है. 

भारतीय छात्रों में से लगभग 80 प्रतिशत यहां मेडिकल, इंजीनियरिंग और लॉ की पढ़ाई के लिए आते हैं. पढ़ाई के बाद इन्हें एक्सटेंडेंड स्टे के दौरान स्किल्ड वर्कर की सैलरी मिलती है. ब्रिटेन के गृहमंत्री जेम्स क्लैवरली का कहना है कि इस वीजा का इस्तेमाल छात्र इमिग्रेशन पाने के लिए करते हैं.

इकोनॉमी पर भी पड़ेगा इसका असर

बता दें, कि तीन साल पहले 6 लाख छात्रों को यहां एंट्री मिली थी. इस पर पूर्व शिक्षा मंत्री निक्की मोर्गन का कहना है कि हर साल फीस के 2 लाख करोड़ रुपये मिलने बंद होंगे. इकोनॉमी पर भी इसका असर पड़ेगा. सेंट एंड्रृज यूनिवसिर्टी की चांसलर सैली मैपस्टोन का कहना है कि भारतीय छात्र मेडिकल इंजीनियरिंग की जॉब में अपना योगदान देते हैं. 2021 में ब्रिटेन जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 87045 थी, जो 2022 में बढ़कर 139700 हो गई. वहीं, 2023 में 130000 छात्र ब्रिटेन पढ़ाई के लिए पहुंचे हैं.

क्या है ग्रेजुएट रूट वीजा ?

ग्रेजुएट रूट वीजा के जरिए ब्रिटेन से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र देश में काम करने, रहने या काम की तलाश करने के आवेदन कर सकते हैं. ये अंतरराष्ट्रीय छात्र 2 साल तक ब्रिटेन में रहने के लिए आवेदन कर सकते हैं, जबकि पीएचडी करने वाले छात्र 3 साल तक रहने के लिए आवेदन कर सकते हैं. ग्रेजुएट रूट वीजा को जुलाई 2021 में गृहमंत्री प्रीति पटेल ने लागू किया था. 176,000 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को जारी किए गए ग्रेजुएट रूट वीजा में 42 फीसदी भारतीय नागरिक हैं. इस श्रेणी में किसी भी तरह के बदलाव का भारतीय छात्रों पर काफी असर पड़ेगा. 

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