Turbat suicide attack: पाकिस्तान के अशांत और बागी बलूचिस्तान प्रांत में शनिवार को एक बड़ा आत्मघाती हमला हुआ. प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी बीएलए ने तुरबत के पास न्यू बेहमन इलाके में एक यात्री बस को निशाना बनाकर धमाका किया. इस विस्फोट में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है और 32 अन्य घायल हुए हैं. घटना तब हुई जब सेना के जवान छुट्टी से लौट रहे थे और उनके साथ करीब 13 गाड़ियों का काफिला था. अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों और घायलों की संख्या बढ़ सकती है. बीएलए की माजिद ब्रिगेड ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसने एक सैन्य काफिले को निशाना बनाया.


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बस में आईईडी विस्फोट हुआ..
दरअसल, यह हमला तब हुआ जब कराची से तुरबत जा रही एक यात्री बस में आईईडी विस्फोट हुआ. धमाका इतना जोरदार था कि बस के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए, चीथड़े उड़ गए. बस में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जोहैब मोहसिन और उनका परिवार भी मौजूद था. अधिकारी मामूली रूप से घायल हुए हैं, लेकिन पांच यात्रियों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. धमाके के बाद घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया और गंभीर मरीजों को अन्य शहरों में स्थानांतरित किया गया. मृतकों और घायलों का आंकड़ा बढ़ सकता है. 


सात बसें और छह एस्कॉर्ट वाहन..
घटना शनिवार सुबह तुरबत शहर से छह किलोमीटर दूर न्यू बेहमन इलाके में हुई. इस क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के 13 वाहनों का काफिला भी मौजूद था, जिसमें सुरक्षा बलों को ले जाने वाली सात बसें और छह एस्कॉर्ट वाहन शामिल थे. बीएलए ने बयान जारी कर दावा किया कि उनकी फिदायीन इकाई माजिद ब्रिगेड ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.


क्या बोले शाहबाज शरीफ 
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने हमले की कड़ी निंदा की. प्रधानमंत्री ने कहा, "आतंकवादी अपने नापाक मंसूबों में कभी सफल नहीं होंगे. सरकार और सुरक्षा बल आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं." मुख्यमंत्री बुगती ने कहा, "जो निर्दोष लोगों को निशाना बनाते हैं, वे इंसान कहलाने के लायक नहीं हैं." बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मारे गए लोगों के शव उनके गृह नगर भेजे जाएंगे.


2025 में बीएलए का यह पहला बड़ा हमला
बलूचिस्तान में 2025 में बीएलए का यह पहला बड़ा हमला है. पिछले साल, इस संगठन ने 302 हमले किए, जिसमें माजिद ब्रिगेड के 37 फिदायीन द्वारा किए गए छह हमले शामिल थे. बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवाद की घटनाओं में बीते साल तेजी आई थी, जिसमें सुरक्षा बलों और नागरिकों की जानें गईं. ताजा हमले ने एक बार फिर बलूचिस्तान में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं.