Pakistan Member of UN Security Council: पाकिस्‍तान संयुक्‍त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में गैर-स्थायी सदस्‍य बन गया है. वो 2 साल तक अस्‍थायी तौर पर यूएनएससी का सदस्‍य रहेगा. आतंकवाद के लिए पूरी दुनिया में बदनाम पाकिस्‍तान का संयुक्‍त राष्‍ट्र की सुरक्षा परिषद में शामिल होना अधिकांश लोगों को आश्‍चर्यचकित कर रहा है. इसके पीछे की वजह को जानने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र की सुरक्षा परिषद का सदस्‍य बनने की प्रक्रिया को समझना होगा जिसने आसानी से पाकिस्‍तान को यह सदस्‍यता दिला दी.


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2 साल के लिए चुने जाते हैं अस्‍थायी सदस्‍य


यूएनएससी का सदस्‍य बनने के लिए एक चुनावी प्रक्रिया है, जिसके जरिए संयुक्‍त राष्‍ट्र के सदस्‍य देश सुरक्षा परिषद की स्‍थायी और अस्‍थायी सदस्‍यता पाते हैं. अस्‍थायी सदस्‍यों का कार्यकाल 2 साल का होता है. भारत भी कई बार यूएनएससी का अस्‍थायी सदस्‍य रह चुका है.


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यूएनएससी की चुनाव प्रक्रिया


सुरक्षा परिषद की सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया में उम्मीदवारों को नामांकित करने वाले 4 क्षेत्रीय समूह शामिल हैं. नवनिर्वाचित सदस्यों में अफ्रीकी समूह के लिए सोमालिया, एशिया-प्रशांत समूह के लिए पाकिस्तान, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन समूह के लिए पनामा और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य समूह के लिए डेनमार्क और ग्रीस शामिल हैं.


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प्रत्येक क्षेत्रीय समूह आम तौर पर 2 साल के कार्यकाल के लिए महासभा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों पर सहमत होता है. इस प्रक्रिया का उद्देश्य वैश्विक भू-राजनीतिक विविधता और हितों को प्रतिबिंबित करते हुए सुरक्षा परिषद के भीतर क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है. इसके तहत पाकिस्‍तान का 2 साल का कार्यकाल आज 1 जनवरी 2025 से शुरू हो गया है.


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सुरक्षा परिषद में 15 सदस्‍य


पाकिस्तान को आठवीं बार 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता मिली है. जून में पाकिस्तान को अस्थायी सदस्य चुना गया था. 193 सदस्यीय महासभा में पाकिस्तान को 182 वोट मिले थे, जो आवश्यक 124 वोटों से ज्‍यादा थे. चूंकि इस चुनाव प्रक्रिया में हर क्षेत्रीय समूह के सदस्‍यों को बारी-बारी से सुरक्षा परिषद का सदस्‍य चुना जाता है. लिहाजा पाकिस्‍तान को भी इसी कड़ी में अस्‍थायी सदस्‍यता मिल गई है.