Bhutan Army: दुनिया की सबसे ताकतवर और बड़ी सेना की बात होती है तो लोग झट से अमेरिका, रूस, चीन का नाम ले लेते हैं. लेकिन क्या जानते हैं कि दुनिया की सबसे कमजोर सेनाएं किन देशों के पास हैं? इनमें से 2 तो भारत के पड़ोसी ही हैं.
Armies: किस देश की सेना कितनी ताकतवर है यह आर्मी में सैनिकों-अधिकारियों की संख्या, सेना के बजट, उसके अत्याधुनिक और खतरनाक हथियारों आदि के जरिए तय होता है. इन पैमानों के अनुसार दुनिया की सबसे ताकतवर और मजबूत सेना अमेरिका की मानी जाती है.
अमेरिका के पास सबसे ज्यादा खतरनाक और अत्याधुनिक हथियार-मिसाइलें आदि हैं. रूसी सेना, अमेरिका को टक्कर देती है. चीन की सेना भी बहुत बड़ी और मजबूत है. ये देश समय-समय पर अपने मित्र देशों को युद्धों में मदद करते हैं. अभी भी दुनिया में जहां कहीं युद्ध चल रहे हैं, उनमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर इन तीनों देशों की सेनाओं का दखल है.
ये सेनाएं इतनी ताकतवर हैं कि अपनी सीमा में बैठे-बैठे लंबी दूरी की मिसाइलों के जरिए दूसरे महाद्वीप के पूरे के पूरे देश को खत्म कर सकते हैं. वहीं परमाणु हथियार की क्षमता रखने वाले देश तो पूरी दुनिया के लिए ही खतरा हैं. भारतीय सेना भी दुनिया की सबसे ताकतवर आर्मी में से एक है.
वहीं सबसे कमजोर आर्मी की बात करें तो भूटान, बेनिन, मालदोवा, सोमालिया, लिबेरिया, सूरीनाम, नेपाल आदि शामिल हैं. इन देशों के पास खतरनाक जंगी हथियार, मिसाइल आदि तो छोड़ें सामान्य युद्धक टैंक तक नहीं हैं.
दुनिया की सबसे कमजोर सैन्य शक्ति वाले देश में भूटान ऊपर है. हिमालय की गोद में बसे इस देश की सैन्य क्षमताएं काफी सीमित हैं. नेपाल की सेना में करीब 1 लाख जवान हैं. वहीं युद्धक क्षमताओं की बात करें तो पैदल सेना के लिए 214 सैन्य बख्तरबंद वाहन हैं. 14 एयरक्राफ्ट और 9 हेलिकॉप्टर हैं. इसके पास ना तो कोई बैटल टैंक है, ना नेवल सेटअप, ना कोई मिसाइल.
भूटान की सेना को दुनिया की सबसे कमजोर सेना में से एक माना जाता है. भूटान की सेना में 10 हजार से भी कम जवान हैं. ना इसके पास कोई मिसाइल है ना कोई अत्याधुनिक जंगी हथियार. भारत-भूटान संधि 1949 के तहत भारत ही भूटान के रक्षा मामलों की देखभाल करता है.
वहीं दुनिया की सबसे छोटी सेना की बात करें तो यूरोपीय देश वैटिकन सिटी की सेना है. यह दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक है इसलिए इसकी सेना भी बहुत छोटी है. जिसमें बमुश्किल डेढ़ सौ सैनिक हैं. इस सेना में केवल 19 से 30 साल की आयु के सैनिक ही होते हैं. वैटिकन सिटी की सेना के जवानों को स्विस गार्ड कहा जाता है, और ये जवान पोप (रोमन कैथोलिक चर्च के मुख्य पादरी) की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होते हैं. वे पारंपरिक हथियारों का इस्तेमाल करते हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़