Pakistan Economy: नई सरकार बनने से पहले ही पाकिस्तान को घुटनों पर लाने वाली खबर आई है. पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान (Imran Khan) ने जेल की कोठरी से ऐसा लेटर लिखा जिससे पाकिस्तानियों को मिलने वाले लोन पर संकट आ गया है. पाकिस्तान को इस समय पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत है. इस्लामाबाद में तो ये भी दावा किया गया है कि अब इमरान खान की इजाजत से ही शहबाज शरीफ को कर्जा मिलेगा. आइए जानते हैं कि ऐसा क्या हो गया है कि जेल में इमरान खान को इतना अहम माना जाने लगा है.


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इमरान खान तो फिदायीन बन गए!


दरअसल, सलाखों के पीछे से इमरान खान ने एक मैसेज भिजवाया है. जिसके बाद इमरान की पार्टी के लीडर कैमरे के सामने आए और खुलासा किया है कि इमरान खान की तरफ से IMF को एक लेटर भेजा जाएगा. इस खत में ये लिखा जाएगा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र नहीं है इसलिए लोन ना दिया जाए. इमरान खान की पार्टी का दावा है कि IMF और इस जैसी एजेंसिया किसी मुल्क के साथ तभी काम करती हैं जब उस देश में लोकतंत्र हो.


इमरान खान का लेटर बम!


पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने इसपर रिएक्शन देते हुए कहा कि इमरान खान ने कहा है उनकी तरफ से एक खत जारी होगा और वो खत IMF को जारी किया जाएगा. IMF और यूरोपीय यूनियन का अपना एक चार्टर है और वो चार्टर ये कहता है कि मुल्क में उसी वक्त वो काम करने की इजाजत देंगे, उसी वक्त लोन देंगे जब मुल्क में गुड गवर्नेंस हो और गुड गवर्नेंस तभी होता है जब मुल्क में लोकतंत्र होता है. जिस मुल्क में लोकतंत्र नहीं है वहां विदेशी एजेंसियां वो काम करना नापसंद करती हैं.


क्या अब नहीं मिलेंगे IMF के पैसे?


आसान शब्दों में कहें तो कैद में रहकर भी इमरान नई सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी कर रहे हैं. पाकिस्तान में नई सरकार बनने से पहले ही ये खबर आई और इसे सुनकर नवाज और शहबाज के करीबी नेता टेंशन में हैं. पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि इस किस्म का जो कदम है वो अफसोसनाक है. और इसकी निंदा की जानी चाहिए. मैं हूं या कोई और हो, अगर हम अपने मुल्क के खिलाफ अपने सियासी फायदे के लिए कुछ करते हैं. मुझे नहीं पता कि खत लिखा है कि नहीं लिखा है. लेकिन अगर लिखा है तो इसकी निंदा होनी चाहिए.


कितना कर्ज मिलने की थी उम्मीद?


वहीं, शरीफ ब्रदर्स को डर है कि इमरान के इस लेटर की वजह से पाकिस्तान को मिलने वाले पैसे पर ताला लग जाएगा. पाकिस्तान के लिए लोन लेना इस समय सांस लेने से भी ज्यादा जरूरी है. इसलिए पाकिस्तान में नई सरकार आते ही सबसे पहले कर्ज के लिए फाइल तैयार करेगी. इस्लामाबाद को उम्मीद है कि उसे IMF से करीब 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज मिल सकता है. ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि मार्च या फिर अप्रैल में नई सरकार से बातचीत शुरु हो सकती है.