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ये सरदार अपनी पगड़ी के रंग के हिसाब से बदलता है रॉल्स रॉयस कार, दिलचस्प है स्टोरी

लंदन: कहावत है कि तीर का घाव भर जाता है लेकिन जुबान से निकली बात का घाव नहीं भरता है. बात चुभ जाए तो इंसान कुछ भी कर सकता है. इन्हीं हालातों में एक गाने की लाइन एकदम फिट बैठती है कि झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए. ठीक यही किया यूके (UK) में भारतीय मूल (NRI) के एक बिजनेस मैन Reuben Singh ने कि उनकी कामयाबी का किस्सा पूरी दुनिया में मशहूर हो गया.

पीली पगड़ी के लिए पीले रंग की कार

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पीली पगड़ी के लिए पीले रंग की कार
'सम्मान पे बात आई तो झुका दिए अंग्रेजों का सिर'

इंडियन ओरिजन बिजनेसमैन की इस स्टोरी से जुड़ा एक सच ये भी है कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके लिए सम्मान और स्वाभिमान से बढ़कर कुछ नहीं होता. अपने मान-सम्मान की खातिर वो ऐसा कुछ कर जाते हैं जो दुनिया के लिए उदाहरण बन जाता है. कुछ ऐसी ही मिसाल कायम की ब्रिटेन (UK) के रहने वाले अरबपति सरदार (Billionaire Sardar) ने जिसे दुनिया ब्रिटेन के 'बिल गेट्स' (Bill Gates of Britain) के नाम से भी जानती है.

'बिल गेट्स' ऑफ ब्रिटेन!

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'बिल गेट्स' ऑफ ब्रिटेन!
शान के लिए किया अनूठा चैलेंज 

ये कहानी है इंग्लैंड के अरबपति सरदार रूबेन सिंह की जो AlldayPA कंपनी के मालिक हैं. रुबेन सिंह की गिनती कामयाब और मेहनती बिजनेसमैन की कैटिगिरी में टॉप 3 में होती है. इस लंदन बेस्ड कारोबारी रुबेन सिंह पर किसी अंग्रेज ने उनकी पगड़ी को लेकर नस्लभेदी टिप्पणी कर दी थी. ये बात रूबेन सिंह को लग गई और रूबेन सिंह ने अंग्रेज़ को चैलेंज करते हुए कहा कि उनके पास जितने रंग की पगड़ी रहेगी, वह उतनी ही रॉल्स रॉयस गाड़ियों के मलिक रहेंगे. 

कौन है रॉल्स रॉयस वाले सिंह?

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कौन है रॉल्स रॉयस वाले सिंह?
जिंदगी में देखे कई उतार चढ़ाव 

रुबेन सिंह ने अपनी जिंदगी में सफलता के साथ संघर्ष को भी देखा. उनकी लाइफ आसान नहीं थी. उन्होंने कई उतार चढ़ाव भी देखे. एक समय उनकी हालत इतनी खस्ता हो गई कि उन्हें अपना 10 मिलियन पाउंड का कारोबार 1 मिलियन पाउंड में बेचना पड़ा.

भारतीय मूल के रुबेन सिंह के पिता 1960 में दिल्ली से ब्रिटेन गए थे. वहीं रूबेन का जन्म हुआ तो फिर वो वहीं के हो गए. हालांकि वो जन्मे और पाले बढ़े भले ही ब्रिटेन में लेकिन उन्होंने अपनी सभ्यता और अपने इतिहास को कभी नहीं भुलाया.

कायम की मिसाल

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कायम की मिसाल
'इतना घाटा सहा लेकिन टूटे नहीं'

कहा जाता है कि 17 साल की उम्र में अपना कारोबार शुरु करने वाले रुबेन सिंह 90 के दशक में इंग्लैंड में कपड़ों के बिजनेस के बादशाह थे. उस दौर में उनका ब्रांड ब्रिटेन के सबसे मशहूर ब्रांड्स में से एक था.

गाड़ियों का शौक

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गाड़ियों का शौक
बेड़े में बेहिसाब गाड़ियां

एक गोरे अंग्रेज की नस्लभेदी टिप्पणी के बाद उन्होंने ठान लिया था कि उनके पास जितनी रंग की दस्तारें हैं वह उतने ही रंग की रॉल्स रॉयस रखेंगे. बता दें कि आज उनके पास कई रॉल्स रॉयस समेत कई दूसरी महंगी गाड़ियां हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक उनके पास कई दर्जन लक्जरी गाड़ियां हैं.

बड़े दिल वाला 'सरदार'

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बड़े दिल वाला 'सरदार'
एक बार में पचास करोड़ की गाड़ियां खरीदीं

रूबेन सिंह ने ब्रिटेन में 50 करोड़ रुपये से अधिक की 6 ब्रांड की नई लग्जरी कारें एक साथ खरीदी थीं. जिनमें से 3 फैंटम लग्जरी सेडान वहीं तीन कलिनन लग्जरी एसयूवी शामिल थीं. 

जो किया वो कोई कर नहीं पाया

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जो किया वो कोई कर नहीं पाया
रत्नों के नाम पर रखा नाम उन्होंने अपने इस कलेक्शन को Jewels Collection By Singh का नाम दिया. रूबेन ने अपनी नई कारों का नाम माणिक, नीलम और पन्ना रखा तो उसकी चर्चा भी पूरे देश में हुई थी. 

सीईओ आए थे डिलीवरी देने

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सीईओ आए थे डिलीवरी देने
'हवेली पर डिलीवरी देने आए थे Rolls-Royce के CEO'

खास बात ये थी कि जब रूबेन ने अपनी पगड़ियों के रंग की रोल्स रॉयस खरीदने का चैलेंज पूरा किया तो कार कंपनी के CEO टॉर्स्टनन मुलर ओटवॉस खुद गाड़ियों की डिलीवरी यानी चाबी देने रूबेन सिंह के घर पर खुद गए थे.

जो कहा वो किया

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जो कहा वो किया

भारतीय मूल के इस कारोबारी की कहानी दुनियाभर के बड़े बड़े मीडिया हाउस प्रकाशित कर चुके हैं. फिलहाल तो इस कारोबारी की गाड़ियों का बेड़ा देखकर किसी का मन भी मचल जाएगा.

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