कोलोन के पास ब्लेसेम में बने पैलेस का एक हिस्सा और शहर के कई घर इस बाढ़ में बह गए हैं. इस प्राकृतिक आपदा के कारण नदी के किनारे फट गए हैं. यहां एक विशालकाय गड्ढा (Sinkhole) बन गया है. नदी के किनारे के ऊंचे हिस्से से इस विशाल गड्ढे में गिर रहे बाढ़ के पानी का नजारा किसी भयानक सपने से कम नहीं है.
मेट्रो यूके की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि मौतों की 'पुष्टि' हुई है, लेकिन यह नहीं बताया कि कितने लोगों की मौत हुई है. कोलोन की लोकल अथॉरिटी ने ट्विटर पर कहा है, 'कई घर पानी में बह गए हैं और कुछ घर ढह गए हैं.'
काउंटी प्रशासन के प्रमुख फ्रैंक रॉक ने कहा कि गुरुवार की रात 50 लोगों को निकाला गया है. साथ ही 15 निवासियों के फंसे होने की सूचना है, जिन्हें बचाने का काम चल रहा है. उन्होंने जर्मनी की एन-टीवी से कहा, 'अधिकारियों के पास अभी तक ऐसी कोई संख्या नहीं है कि कितने लोग मारे गए हैं. यह स्वीकार करना होगा आपदा के समय कुछ लोग भागने में सफल नहीं हुए.
भूगोलवेत्ता मथियास हाबेल के अनुसार, भीषण बाढ़ के पानी का दबाव नदी नहीं सह पाई और नदी का किनारा एक ढह गया. नदी के पास एक विशालकाय गड्ढा बन गया है. कहा जा रहा है कि यह गड्ढा लगातार 'बड़ा' होता जा रहा है. इसका कटाव 300 मीटर से ज्यादा फैला हुआ है और शहर के बाहरी इलाके तक पहुंच रहा है.
लोगों को घरों में न लौटने की चेतावनी दी गई है क्योंकि यहां अभी भी खतरा बना हुआ है.
पिछले कुछ दशकों में जर्मनी में आई कई बाढ़ में इस साल की बाढ़ सबसे भीषण है. इसके कारण अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. भारी बारिश के कारण नदियों के किनारे बह गए हैं. पूरे के पूरे कस्बे और गांव तबाह हो गए हैं. मोबाइल फोन नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्शन ठप हो गए हैं. लापता लोगों को खोजने में खासी मुश्किलें आ रही हैं. आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है.
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