रूसी वैज्ञानिक ने दावा किया है कि इंसान सन 2600 तक अमरता हासिल कर लेगा. इतना ही नहीं, वो गुजरे हुए लोगों को भी वापस ला सकेगा, लेकिन इसके लिए इंसानों को अभी से कुछ काम करने होंगे.
इंसान लंबे समय से अमरत्व प्राप्त करने की कोशिशें कर रहा है. इंसानों का दावा है कि कुछ लोग अमरता को पा भी चुके हैं, उनकी चर्चा भी होती है. लेकिन हकीकत में अमरता क्या होती है, ये इंसानों के लिए अभी भी दूर की कौड़ी है. हालांकि अब एक रूसी वैज्ञानिक ने दावा किया है कि इंसान अगर सही दिशा में चलता है, तो वो अमरता पा भी सकता है. यही नहीं, वो अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर गुजरे हुए लोगों को भी वापस बुला सकता है.
रूस के वैज्ञानिक एलेक्सेई तुर्चिन एक ट्रांसह्यूमेनिस्ट हैं. उन्होंने कहा कि इंसान अपने प्रियजनों को वापस धरती पर बुला सकेगा. हालांकि इसके लिए एलेक्सेई ने कहा है कि इंसान को अपनी हरेक गतिविधि का रिकॉर्ड रखना पड़ेगा, ताकि जरूरत पड़ते ही आपकी गतिविधियां, आपकी यादें, आपके अनुभव दूसरे शरीर में डाले जा सकें. इसके लिए वो खुद की सभी गतिविधियां रिकॉर्ड करके एक सर्वर में स्टोर कर रहे हैं, ताकि आने वाले भविष्य की आर्टिफिशियल एंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर उन्हें वापस जिंदा कर सकें.
एलेक्सेई तुर्चिन खुद को ट्रांसह्यूनिस्ट कहते हैं. उन्होंने अमरता के सिद्धांत पर कई किताबें लिखी हैं. अब उन्होंने अमरता कैसे प्राप्त की जाए, इस विषय पर एक रिसर्च पेपर प्रकाशित कराया है. इसका नाम Classification of Approaches to Technological Resurrection for the Foundation Science for Life Extension रखा है.
एलेक्सेई तुर्चिन ने अपने साथी स्कॉलर माक्सिम चेर्न्याकोव के साथ ये रिसर्च पेपर लिखा है. इसे उन्होंने "Immortality Roadmap" नाम दिया है. जिसमें अमरता को पाने के लिए 4 अलग-अलग रास्ते बताए गए हैं. साथ ही ये भी कहा गया है कि पहला रास्ता एकदम सही है, लेकिन बाकी के तीन रास्ते बैकअप प्लान की तरह हैं. इस रिसर्च पेपर में मर चुके लोगों को भी वापस लाने के तरीके के बारे में भी बताया गया है.
डेलीस्टार की खबर के मुताबिक, रिसर्च पेपर में साफ कहा गया है कि अभी इंसानों के पास मौत का कोई जवाब नहीं है. मौत अवश्यंभावी है. यानी मौत तो आकर रहेगी. लेकिन मौत के बाद इंसान अगर खुद से जुड़ा डाटा रख सकेगा और आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस उतनी विकसित हो चुकी होगी, तो वो खुद को कंप्यूटर से आर्टिफिशियल शरीर में उतार सकेगा. यानी उसकी मैपिंग कर सकेगा. इस तरह से इंसान मरने के बाद भी अमर हो जाएगा.
प्लान ए के मुताबिक, जब तक आर्टिफिशियल तरीके से जिंदगी को बढ़ाने के तरीके न सामने आ जाएं, तब तक इंसान मौत से बचने के लिए अपने शरीर के अंगों को बायोइंजीनियरिंग की मदद से सुरक्षित रखे और 'नैनोटेक बॉडी' में उन्हें प्रत्यर्पित करके खुद को जिंदा रखे. हालांकि इसमें सफलता मिलने की उम्मीद साल 2600 तक है. प्लान बी में क्रायोनिक्स या बॉडी को फ्रीज करने का तरीका है, जब तक कि अमरता को प्राप्त करने वाली कोई खोज न हो. इस प्रोजेक्ट पर कई कंपनियां काम कर रही हैं. लेकिन ये तभी सफल होगा, जब पहला प्लान कामयाब हो. इसके बाद ही प्लान सी में इंसानी डाटा को आर्टिफिशियल बॉडी में इंजेक्ट करने का है. इसे इनडायरेक्ट माइंड अपलोडिंग भी कहा जा रहा है और प्लान डी में सीधी सी बात उम्मीद रखने की है कि जल्द से जल्द इंसान अमरता की खोज कर ले या एआई की मदद से परमाणु स्तर पर इंसानी परीक्षण कर ले.
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