Russia ने Sputnik V के उत्पादन में India को बताया प्रमुख साझेदार, Emergency Use को जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद
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Russia ने Sputnik V के उत्पादन में India को बताया प्रमुख साझेदार, Emergency Use को जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद

रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के CEO  ने कहा कि इस महीने के अंत तक  Sputnik V के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी मिल सकती है. इसके बाद हम भारत में अपनी वैक्सीन की डिलीवरी शुरू कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि Sputnik-V दूसरी प्रमुख वैक्सीन से कई मामलों में अलग है.

फाइल फोटो

मॉस्को: रूस अपनी कोरोना वैक्सीन स्‍पूतनिक-5 (Sputnik V) के उत्पादन में भारत (India) को अहम साझेदार मानता है. रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किरिल दिमित्रिक (Kirill Dmitriev) ने मंगलवार को कहा कि भारत रूस की कोरोना वैक्सीन Sputnik V के लिए प्रमुख उत्पादन साझेदार है. बता दें कि इस वैक्‍सीन को Symptomatic COVID-19 के खिलाफ 91.6 फीसदी तक प्रभावी पाया गया है.

  1. भारत में जल्द शुरू हो सकती है वैक्सीन की डिलीवरी
  2. Sputnik V को कई मामलों में बताया बेहतर
  3. रूस ने सबसे पहले किया था वैक्सीन बनाने का दावा
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‘हमारी वैक्सीन सबसे बेहतर’

किरिल दिमित्रिक (Kirill Dmitriev) ने कहा कि वैक्सीन उत्पादन के मामले में भारत एक प्रमुख भागीदार है और हम उम्मीद करते हैं कि इस महीने के अंत तक  Sputnik V के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी मिल सकती है. इसके बाद हम भारत में अपनी वैक्सीन की डिलीवरी शुरू कर पाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि 'द लैंसेट' द्वारा प्रकाशित आंकड़ों से पता चलता है कि स्‍पूतनिक-5 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावकारिता के साथ दुनिया की तीन प्रमुख कोरोना वैक्सीन में शुमार हो गई है, लेकिन कई मामलों में यह दूसरों से बेहतर है.

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16 देशों में है Registered

उन्होंने आगे कहा कि 90% से कम प्रभाव वालीं वैक्सीन के साथ हम साझेदारी करने को तैयार हैं. दिमित्रिक ने कहा कि Sputnik V पहले से ही रूस, बेलारूस, सर्बिया, अर्जेंटीना, बोलीविया, अल्जीरिया, फिलिस्तीन, वेनेजुएला, पैराग्वे, तुर्कमेनिस्तान, हंगरी, यूएई, ईरान, रिपब्लिक ऑफ गिनी, ट्यूनीशिया और आर्मेनिया सहित 16 देशों में पंजीकृत है और इसके परिणाम काफी बेहतर आए हैं.

पहले हुई थी आलोचना

रूस ने दुनिया में सबसे पहले 11 अगस्त को कोरोना वैक्सीन Sputnik-5 तैयार करने का दावा किया था. इस वैक्सीन का नाम उसके एक उपग्रह पर आधारित है. रूस ने दावा क‍िया था कि इस टीके से COVID-19 के खिलाफ स्थाय़ी इम्यूनिटी विकसित की जा सकती है. हालांकि, वैक्‍सीन को अंतिम चरण के ट्रायल के परिणाम आने के पहले ही मंजूरी दे दी थी, जिसकी वजह से रूस को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. 

अब आए बेहतर Result

अब 20 हजार लोगों पर किए गए वैक्‍सीन के फेज-3 के ट्रायल के विश्‍लेषण के अनुसार, टीके के दो डोज सिम्‍पटमेटिक COVID-19 के खिलाफ 90 फीसदी से अधिक असरकारी पाए गए हैं. लैंसेट ने कहा है कि स्‍पूतनिक V वैक्‍सीन के विकास की प्रक्रिया की अनजाने में, जल्‍दबाजी में और पारदर्शिता के अभाव में आलोचना की गई थी. लेकिन जो इसके परिणाम अब आए हैं, वे स्‍पष्‍ट करते हैं कि कोरोना से जंग में यह वैक्सीन अहम हथियार साबित हो सकती है.

इन देशों में शुरू होगा टीकाकरण 

लैंसेट के अनुसार, फरवरी के पहले सप्ताह में Sputnik V के साथ टीकाकरण 12 देशों में शुरू होगा. जिसमें बोलीविया, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, फिलिस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात, पैराग्वे, हंगरी, आर्मेनिया, अल्जीरिया, बोस्नियाई सर्ब गणराज्य, वेनेजुएला और ईरान शामिल हैं. 

 

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