Bangladesh Coup: अब बांग्लादेश की आर्मी को अल्टीमेटम, अगर नहीं माने तो...
Bangladesh Under Attack: बांग्लादेश में उस समय अराजकता फैल गई, जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से अचानक इस्तीफा दे दिया और वह सैन्य विमान से देश छोड़कर चली गईं. सैकड़ों लोगों ने उनके आवास में घुसकर तोड़फोड़ और लूटपाट की. देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में पिछले 15 दिन में 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
Nahid Islam and Muhammad Yunus: बांग्लादेश की फिजा 24 घंटे में पूरी तरह बदल गई है. उग्र छात्र आंदोलन के कारण शेख हसीना वाजेद को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है. बांग्लादेश की सेना ने कहा है कि वो जल्दी ही अंतरिम सरकार का गठन करेंगे लेकिन इसका मुखिया कौन होगा ये स्पष्ट नहीं है. इस पूरे घटनाक्रम के एक दिन बाद सरकार विरोधी प्रदर्शन की अगुआई करने वाले ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’के नेताओं ने मंगलवार को कहा कि वे नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस को देश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाना चाहते हैं.
नाहिद इस्लाम
आंदोलन के प्रमुख समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि उन्होंने यूनुस (84) से पहले ही बात कर ली है और वह बांग्लादेश को बचाने की खातिर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हो गए हैं. नाहिद ने कहा, ‘‘हमने निर्णय लिया है कि अंतरिम सरकार बनाई जाएगी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मोहम्मद यूनुस मुख्य सलाहकार होंगे. उनकी व्यापक स्वीकार्यता है.’’
वीडियो में नाहिद के साथ दो अन्य समन्वयक भी दिखाई दे रहे हैं. नाहिद ने कहा कि अंतरिम सरकार के अन्य सदस्यों के नाम की घोषणा जल्द ही की जाएगी. नाहिद ने कहा कि समूह ने अंतरिम प्रशासन की रूपरेखा की घोषणा करने के लिए पहले 24 घंटे का समय लिया था, लेकिन अराजक स्थिति के कारण उन्हें नाम की घोषणा तुरंत करनी पड़ी. नाहिद ने राष्ट्रपति से यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने का आग्रह किया. गरीब लोगों के लिए बैंकिंग सुविधा संबंधी यूनुस के प्रयोग ने बांग्लादेश को लघु ऋण का केंद्र होने की पहचान दिलाई.
जब शेख हसीना ने उड़ान भरी तो भारत ने किस तरह उनको किसी खतरे से बचाया
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में पिछले दो दिन में हुई हिंसा में कम से कम 119 लोग मारे गए हैं. नाहिद ने बड़े पैमाने पर हो रही हिंसा के बारे में कहा कि यह हिंसा ‘‘अपदस्थ फासीवादियों और उनके सहयोगियों’’ द्वारा क्रांति को विफल करने के लिए की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि, देश में अराजकता है और लोगों के जीवन को खतरा है, इसलिए हम राष्ट्रपति से आग्रह करते हैं कि वह कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए तत्काल एवं प्रभावी कदम उठाएं तथा स्वतंत्रता चाहने वाले छात्र भी कानून प्रवर्तन बलों की सहायता के लिए सड़कों पर मौजूद रहेंगे.’’
नाहिद ने स्पष्ट किया, ‘‘छात्रों द्वारा प्रस्तावित सरकार के अलावा किसी अन्य सरकार को स्वीकार नहीं किया जाएगा. जैसा कि हमने कहा है, कोई भी सैन्य सरकार या सेना द्वारा समर्थित सरकार या फासीवादियों की सरकार स्वीकार नहीं की जाएगी.’’
मोहम्मद यूनुस
यूनुस फिलहाल देश से बाहर हैं, लेकिन उन्होंने हसीना के अपदस्थ होने का स्वागत किया और इस घटनाक्रम को देश की ‘‘दूसरी मुक्ति’’ करार दिया. यूनुस को ग्रामीण बैंक के माध्यम से गरीबी उन्मूलन अभियान चलाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनके इस तरीके को विभिन्न महाद्वीपों में अपनाया गया.
यूनुस और हसीना सरकार के बीच अस्पष्ट कारणों से लंबे समय से विवाद है. हसीना के 2008 में सत्ता में आने के बाद अधिकारियों ने यूनुस के खिलाफ कई जांच शुरू की थीं. बांग्लादेश के प्राधिकारियों ने 2011 में वैधानिक ग्रामीण बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की थी और सरकारी सेवानिवृत्ति विनियमन का उल्लंघन करने के आरोप में यूनुस को इसके संस्थापक प्रबंध निदेशक पद से हटा दिया था.
Sheikh Hasina को तो बहन के साथ देश छोड़कर भागना पड़ा, उनके बच्चे कहां हैं?
यूनुस के खिलाफ दर्जनों मामलों में आरोप लगाए गए हैं. जनवरी में यूनुस को श्रम कानून उल्लंघन के आरोप में अदालत ने छह महीने कारावास की सजा सुनाई थी.
कई लोगों का मानना है कि यूनुस ने 2007 में उस समय राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी, जब देश में सैन्य समर्थित सरकार थी और हसीना जेल में थीं. हसीना, यूनुस की इस घोषणा से नाराज हो गई थीं. हालांकि, यूनुस ने अपनी योजना पर अमल नहीं किया था लेकिन उस समय उन्होंने बांग्लादेशी नेताओं की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि उनकी रुचि केवल पैसे में है.
यूनुस ने एक साक्षात्कार में देश वापस लौटने और अपना काम जारी रखने की इच्छा जताई थी. उन्होंने साथ मिलकर ‘‘बांग्लादेश को आजाद कराने’’ के लिए छात्रों की प्रशंसा की थी और हसीना पर अपने पिता एवं बांग्लादेश के संस्थापक ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की विरासत को नष्ट करने का आरोप लगाया था.