Sweden–Türkiye Relations: तुर्की की संसद ने मंगलवार को स्वीडन की नाटो सदस्यता के दावे को मंजूरी दे दी. इसके साथ ही स्वीडन के लिए अब पश्चिमी सैन्य गठबंधन के विस्तार में सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है.


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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की की आम सभा, ने आवेदन को मंजूरी देने के लिए 287-55 से मतदान किया. यह आवदेन स्वीडन ने पहली बार 2022 में किया था. यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के जवाब में अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्वीडन ने ऐसा किया था. बता दें तुर्की की आम सभा में राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के सत्तारूढ़ गठबंधन के पास बहुमत है.


2022 में स्वीडन ने किया था आवेदन
सभी नाटो सदस्यों को गठबंधन में शामिल होने के इच्छुक देशों के आवेदनों को मंजूरी देनी होती है. जब स्वीडन और फिनलैंड ने 2022 में शामिल होने के लिए आवेदन किया तो तुर्की ने इस बात पर आपत्ति जताई. तुर्की की दलील थी कि ये दोनों देश उन समूहों की सुरक्षा कर रहे हैं जिन्हें वह आतंकवादी मानता है.


तुर्की पिछले साल अप्रैल में फिनलैंड की सदस्यता का समर्थन किया था, लेकिन हंगरी के साथ, स्वीडन को वेटिंग में रखा.


तुर्की के कदम पर फिनलैंड ने क्या कहा?
अमेरिकी राजदूत जेफ फ्लेक ने मंगलवार को एक लिखित बयान में कहा, 'मैं आज नाटो में स्वीडन के प्रवेश को मंजूरी देने के तुर्की संसद के फैसले की बहुत सराहना करता हूं.' उन्होंने कहा कि तुर्की की 'नाटो गठबंधन के प्रति प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से हमारी स्थायी साझेदारी को दर्शाती है.'


स्वीडिश विदेश मंत्री टोबियास बिलस्ट्रॉम ने भी तुर्की संसद की मंजूरी का स्वागत किया. बिलस्ट्रॉम ने एक लिखित बयान में कहा, 'अब हम राष्ट्रपति एर्दोगन द्वारा समर्थन दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.'