Terra Nullius: एक-एक इंच की है लड़ाई... और धरती की इस 16 लाख वर्ग KM जमीन का कोई वारिस नहीं!
Advertisement
trendingNow11797134

Terra Nullius: एक-एक इंच की है लड़ाई... और धरती की इस 16 लाख वर्ग KM जमीन का कोई वारिस नहीं!

Terra Nullius Meaning: दुनिया के अलग अलग मुल्कों में संसाधनों पर अधिकार की लड़ाई साफ तौर पर देखी जा सकती है, इन सबके बीच कुछ ऐसे भूभाग भी हैं जहां कोई भी मुल्क दावा नहीं करता है, लैटिन भाषा में इसे टेरा न्यूलियस कहते हैं.

Terra Nullius: एक-एक इंच की है लड़ाई... और धरती की इस 16 लाख वर्ग KM जमीन का कोई वारिस नहीं!

Terra Nullius Example: एक एक इंच जमीन के लिए दुनिया के देश आमने सामने हैं. उदाहरण के तौर पर इजराइल और फिलिस्तीन के बीच गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स के लिए करीब करीब हर एक दिन संघर्ष होता रहता है. इन सबके बीच ऐसे भी भूभाग हैं जिनका या तो कोई वारिस नहीं या कोई दावा नहीं करता है. उन जमीनों को लैटिन भाषा में टेरा न्यूलियस कहते हैं इसका अर्थ यह कि जमीन का वो टुकड़ा जो किसी का नहीं है. बीर ताविल, मैरी बर्ड लैंड और गोरन्जा सिगा शामिल हैं. बीर ताविल का यह हिस्सा इजिप्ट और सूडान के बीच है. इसी तरह से क्रोएशिया और सर्बिया की सीमा पर गोरंजा सिगा कुछ हिस्से हैं. इसके अलावा अंटार्कटिका के बड़े हिस्से मैरी बर्ड लैंड  पर किसी का दावा नहीं है. इजिप्ट और सूडान के बीच बीर ताविल  इलाका करीब 2060 किमी में  में फैला हुआ है. वहीं मैरी बर्ड लैंड का फैलाल 15 लाख वर्ग किमी में है.

बीर ताविल

बीर ताविल के वारिस ना होने की वजह भौगोलिक और ऐतिहासिक दोनों है. यहां भीषण गर्मी पड़ती है. सामान्य तापमान 45 डिग्री के करीब होता है. आधिकारिक तौर पर आबादी शून्य है हालांकि अबाडा जनजाति के लोग यहां से गुजरते रहते हैं.अब इसके इतिहास को यूं समझें. अमेरिका के मुताबिक 19वीं और 20वीं सदी में अंग्रेजों का इजिप्ट से समझौता हुआ. उस समझौते के मुताबिक 22वीं समानांतर रेखा के दक्षिण बीर ताविल पर सूडान का नियंत्रण होगा. इसके साथ ही 1902 में ब्रिटेन ने एक और रेखा खींची जिसमें बीर ताविल को इजिप्ट के हवाले कर दिया. वजब अडाबा ट्राइबल्स का आना जाना बताया गया लेकिन इजिप्ट को यह प्रपोजल ठीक नहीं लगा और उसने 1899 के समझौते को माना और सूडान ने 1902 के समझौते को माना. इस तरह से बीर ताविल पर भ्रम की स्थिति बनी. कुछ समूहों ने इस भूभाग पर दावा ठोंका लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली. 2014 में अमेरिकी नागरिक जेरेमिथ हीटन ने इस भाग पर सूडानी आधिपत्य का जिक्र करते हुए दावा किया और खुद को राजा घोषित कर दिया. यही नहीं उसने अपनी बेटी को राजकुमारी भी घोषित किया ये बात अलग कि संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता नहीं दी.उसके बाद से इस इलाके पर किसी का अधिकार नहीं है. 

मैरी बर्ड लैंड
अंतरराष्ट्रीय कानून की नजर में अंटार्कटिका का कोई भी हिस्सा किसी एक देश के स्वामित्व में नहीं है. हालांकि सात देशों ने इस महाद्वीप के कुछ हिस्सों पर अपना दावा किया है. अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, चिली, फ्रांस, न्यूजीलैंड, नॉर्वे और यूके उनमें शामिल हैं. इन क्षेत्रीय दावों को दर्शाने वाला विशिष्ट मानचित्र अंटार्कटिका को पिज्जा की तरह टुकड़ों में कटा हुआ है,जिसमें ऑस्ट्रेलिया और नॉर्वे का बड़ा हिस्सा है. लेकिन एक कोना लावारिस पड़ा हुआ है जिसे मैरी बर्ड लैंड के नाम से जाना जाता है.इसका नाम अमेरिकी नौसैनिक अधिकारी रिचर्ड ई बर्ड की पत्नी के नाम पर रखा गया है जिन्होंने 20वीं सदी की शुरुआत में इस क्षेत्र की खोज की थी.विशाल 1,605,792 वर्ग किलोमीटर (620,000 वर्ग मील) में फैला, मैरी बर्ड लैंड दुनिया का सबसे बड़ा लावारिस क्षेत्र है. इसके टेरा नुलियस बने रहने का कारण यह है कि यह अंटार्कटिका के मानकों के अनुसार /यह बहुत अलग है. 

गोरन्जा सिगा
डेन्यूब नदी के पूर्वी तट पर क्रोएशिया और सर्बिया की बाल्कन सीमा के बीच, 1990 के दशक में यूगोस्लाविया के खूनी विभाजन के बाद से भूमि के कई हिस्सों पर भारी विवाद हुआ है. नदी के पश्चिमी तट पर, विपरीत समस्या है: चार या उससे अधिक भूमि पर किसी भी देश द्वारा दावा नहीं किया जाता है.गोरन्जा सिगा इन क्षेत्रों में सबसे बड़ा है, जिसमें केवल 7 वर्ग किलोमीटर (2.7 वर्ग मील) वन भूमि शामिल है जो डेन्यूब के बाढ़ क्षेत्र के रूप में कार्य करती है. यह तकनीकी रूप से वास्तविक क्रोएशियाई नियंत्रण में है, हालांकि वे बताते हैं कि भूमि सर्बियाई है जबकि सर्बिया  कोई दावा नहीं करता है.

क्रोएशिया और सर्बिया दोनों द्वारा उपेक्षित होने के बावजूद, कुछ अन्य पार्टियाँ गोर्नजा सिगा को अपना कहने में गहरी रुचि रखती हैं.अप्रैल 2015 में, चेक राजनेता विट जेडलिक्का के नेतृत्व में स्वतंत्रतावादियों के एक छोटे समूह ने निर्जन दलदल पर एक झंडा लगाया और इसे लिबरलैंड नामक एक नया माइक्रोस्टेट घोषित किया. विचार यह था कि इसे बिना किसी अनिवार्य कर, न्यूनतम राज्य नियमों और मुद्रा के रूप में बिटकॉइन के साथ एक उदारवादी यूटोपिया में बदल दिया जाए.

लिबरलैंड का आदर्श वाक्य है 'जियो और जीने दो' क्योंकि यह अपने लोगों की व्यक्तिगत और आर्थिक स्वतंत्रता पर गर्व करता है इसमें लोगों और पूरे राष्ट्र की स्वतंत्रता में कम हस्तक्षेप सुनिश्चित करने के लिए सरकार को दी गई सीमित शक्ति शामिल है.दुर्भाग्य से, इस सपने को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा. पहले गोरन्जा सिगा में कम दिलचस्पी दिखाने के बावजूद, क्रोएशियाई अधिकारी अपने दरवाजे पर एक जंगली स्वतंत्रतावादी माइक्रोस्टेट रखने के विचार के लिए उत्सुक नहीं थे, इसलिए उनका पुलिस बल कथित तौर पर जमीन पर पैर रखने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर रहा है.

Trending news