नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तुर्की को चेतावनी दी है कि अगर नाटो के सहयोगी देशों ने सीरिया से अमेरिकी बलों की वापसी के बाद कुर्द लड़ाकों पर हमला किया तो उसे आर्थिक तबाही का सामना करना पड़ेगा. इस चेतावनी का मुंह तोड़ जवाब देते हुए तुर्की ने कहा कि वह 'आतंकवादियों' से लड़ाई जारी रखेगा.


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ट्रम्प ने पिछले महीने सीरिया से 2000 अमेरिकी सैनिक वापस बुलाने की घोषणा कर सबको चौंका दिया था. वापसी की यह प्रक्रिया पिछले सप्ताह शुरू भी कर दी गई. अमेरिकी सैनिकों की वापसी से अमेरिका के कुर्द सहयोगियों पर तुर्की के हमले का खतरा बढ़ गया है. अंकारा कुर्द बलों को आतंकवादियों के रूप में देखता है.


अमेरिकी राष्ट्रपति ने रविवार को अपने ट्वीट में कहा था, 'सीरिया से सैनिकों की लंबित वापसी शुरू कर आईएसआईएस के छिटपुट बचे ठिकानों पर हमलों का सिलसिला जारी रहेगा. उसके (आईएसआईएस के) अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश पर नजदीकी सैन्य ठिकानों से उसे निशाना बनाया जाएगा'. 


ट्रम्प ने लिखा, 'कुर्द बलों पर हमला करने पर तुर्की को आर्थिक रूप से तबाह कर देंगे. इसके साथ ही हम यह भी नहीं चाहते कि कुर्द अंकारा को उकसाएं'. ट्रम्प की इस चेतावनी करारा जवाब देते हुए तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के प्रवक्ता इब्राहिम कलिन ने ट्वीट किया कि इस्लामिक स्टेट और 'कुर्द पीपल्स प्रोटेक्शन यूनिट (वायपीजी) लड़ाकों के बीच कोई अंतर नहीं है.


कलिन ने ट्वीट किया, 'डोनाल्ड ट्रम्प, आतंकवादी आपके साझेदार और सहयोगी नहीं हो सकते. तुर्की उम्मीद करता है कि अमेरिका हमारी रणनीतिक साझेदारी का सम्मान करे'. सीरिया में आईएस के खिलाफ अमेरिका नीत अभियान का जमीनी स्तर पर कुर्द बहुल सीरियन डेमोक्रेटिक बल (एसडीएफ) नेतृत्व करता है.


(इनपुट-भाषा)