Antony Blinken Middle East Visit: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को गाजा में युद्ध विराम समझौते को हासिल करने के लिए वाशिंगटन के नवीनतम कूटनीतिक प्रयास को ‘संभवतः सबसे अच्छा, शायद आखिरी अवसर’ बताया. उन्होंने सभी पक्षों से इस समझौते को अंतिम रूप देने का आग्रह किया. पिछले सप्ताह दोहा में दो दिवसीय बैठक के बाद महीनों से चल रही युद्ध विराम की मैराथन वार्ता इस हफ्ते काहिरा में जारी रहने वाली है.


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ब्लिंकन इस सप्ताह के अंत में वार्ताकारों को सफलता दिलाने के लिए अमेरिकी कूटनीतिक दबाव बढ़ाएंगे. दरअसल पिछले सप्ताह अमेरिका ने ऐसे प्रस्ताव रखे थे, जिनके बारे में मध्यस्थ देशों का मानना ​​है कि इससे युद्द में शामिल पक्षों के बीच दूरियां कम होंगी.


'आखिरी अवसर'
इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग के साथ अपनी बैठक से पहले ब्लिंकन ने कहा, ‘यह एक निर्णायक क्षण है, शायद सबसे अच्छा, शायद बंधकों को घर वापस लाने, युद्धविराम हासिल करने और सभी को स्थायी शांति और सुरक्षा के बेहतर रास्ते पर लाने का आखिरी अवसर है.’


ब्लिंकन ने कहा,  ‘मैं राष्ट्रपति बाइडेन के निर्देश पर इस समझौते को अंतिम रूप देने और अंततः इसे पूरा करने के लिए एक गहन कूटनीतिक प्रयास के तहत यहां हूं... अब समय आ गया है कि हर कोई हां कहे और ना कहने के लिए कोई बहाना न ढूंढे.’


मध्यस्थ अभी तक रहे हैं नाकाम
बता दें मध्यस्थता करने वाले देश - कतर, संयुक्त राज्य अमेरिका और मिस्र - महीनों से चल रही वार्ताओं के बाद भी किसी समझौते पर पहुंचने के लिए मतभेदों को कम करने में अब तक असफल रहे हैं. वहीं रविवार को गाजा में हिंसा बेरोकटोक जारी रही.


ब्लिंकन के आगमन के कुछ घंटों बाद हमास ने कहा कि वह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘मध्यस्थों की कोशिशों को विफल करने’, समझौते में देरी करने के लिए जिम्मेदार ठहराता है.


गाजा से बाहर मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने की आशंकाओं के बीच युद्ध विराम समझौते पर पहुंचने की जरुरत बढ़ गई है. 31 जुलाई को तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनिया की हत्या के बाद ईरान ने इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दी है.


'ऐसा कदम न उठाए जो इस प्रक्रिया को पटरी से उतार दे'
शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने आगे और अधिक तनाव के खिलाफ अमेरिकी चेतावनी को भी दोहराया. उन्होंने कहा, "यह सुनिश्चित करने का भी समय है कि कोई भी ऐसा कदम न उठाए जो इस प्रक्रिया को पटरी से उतार दे, और इसलिए हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि कोई तनाव न बढ़े, कोई उकसावे की कार्रवाई न हो."


युद्ध 7 अक्टूबर को शुरू हुआ जब हमास के लड़ाकों ने इजरायल में हमला कर 1,200 लोगों की हत्या कर दी और लगभग 250 बंधकों को पकड़ लिया. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायल के बाद के सैन्य अभियान में 40,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे, और गाजा का अधिकांश हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया.


Photo courtesy- Reuters