वॉशिंगटन: यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) अभी एक अहम मुद्दे पर काम कर रहा है, जो कि दिल से जुड़ा है. सीडीसी उन किशोरों और युवाओं में दिल की सूजन आने को लेकर आंकलन कर रहा है, जिन्‍होंने हाल ही में COVID-19 वैक्सीन ली है. इतना ही नहीं इस दुर्लभ स्थिति को लेकर सीडीसी ने आगे भी अध्‍ययन करने की सिफारिश की है. 


वैक्‍सीन के बाद हुई मायोकार्डिटिस की समस्‍या 


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17 मई को जारी किए गए एक बयान में सीडीसी ने वैक्‍सीनेशन को लेकर कहा है कि कई किशोरों और युवाओं में कोविड वैक्‍सीन लगने के बाद मायोकार्डिटिस (Myocarditis) की समस्‍या हुई है. ऐसे मामले लड़कियों की बजाय ज्‍यादातर लड़कों में ही सामने आए हैं. 


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क्‍या है मायोकार्डिटिस


मायोकार्डिटिस से मतलब है हृदय की मांसपेशियों में सूजन आना. आमतौर पर यह समस्‍या अपने आप दूर हो जाती है. सीडीसी ने कहा है कि वैसे इस समस्‍या के पीछे कई तरह के वायरस (viruses) जिम्‍मेदार हो सकते हैं. भले ही इस समस्‍या के ज्‍यादा मामले न मिले हों, फिर भी हेल्‍थ केयर वर्कर्स को इस मामले से जुड़ी प्रतिकूल घटनाओं को लेकर सतर्क रहना चाहिए. 


मॉडर्ना-फाइजर की वैक्‍सीन लेने वालों मेंं मिले ये मामले 


हालांकि अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि यह समस्‍या कितने लोगों में हुई है. लिहाजा जांच जारी है. वहीं सीडीसी के अनुसार, ज्यादातर मामले mRNA वैक्सीन (मॉडर्ना और फाइजर) लेने के 4 दिन बाद सामने आए हैं. बता दें कि इससे पहले अप्रैल में इजरायल (Israel) के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि फाइजर वैक्‍सीन लेने वालों में दिल की सूजन की समस्‍या होने के कुछ मामले सामने आए हैं. इजरायल में ज्यादातर मामले 30 साल की उम्र के लोगों में थे.


फाइजर ने दिया ये जवाब 


वहीं फाइजर ने कहा है कि सामान्य आबादी में इस स्थिति के ज्‍यादा मामले नहीं देखे गए हैं और ना ही इस समस्‍या और वैक्‍सीन के बीच कोई संबंध सामने आया है. गौरतलब है कि मई में ही अमेरिकी रेगुलेटर्स ने फाइजर और बायोएनटेक के टीके को 12-15 साल की उम्र के बच्चों पर इस्तेमाल करने की अनुमति दी है.

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