USA Action Against China: चीन पर लगाम लगाने के लिए भारत की राह पर US, चलने जा रहा ये दांव; बिलबिला उठेगा 'ड्रैगन'
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USA Action Against China: चीन पर लगाम लगाने के लिए भारत की राह पर US, चलने जा रहा ये दांव; बिलबिला उठेगा 'ड्रैगन'

China -USA Relations: दुनिया में आक्रामक हो रहे चीन पर नकेल कसने के लिए भारत के बाद अब अमेरिका बड़ा कदम उठाने जा रहा है. माना जा रहा है कि अमेरिका की इस मार से ड्रैगन बिलबिला उठेगा और उसके आक्रामक सुर भी कम होंगे.

USA Action Against China: चीन पर लगाम लगाने के लिए भारत की राह पर US, चलने जा रहा ये दांव; बिलबिला उठेगा 'ड्रैगन'

US China on Semiconductor Chip: विस्तारवादी चीन (China) पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका (USA) अब भारत की राह पर चलते हुए बड़ा दांव खेलने जा रहा है. इसके तहत अब सेमीकंडक्टर (Semiconductor Chip) का निर्माण अमेरिका में किया जाएगा और यूएस इस मामले में चीन पर से अपनी निर्भरता बिल्कुल खत्म करेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निर्देश पर शुक्रवार को सेमीकंडक्टर से जुड़े नए नियम जारी कर दिए गए.  

चीन को टूल्स की बिक्री पर लगाया गया बैन

बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी सरकार (USA) के इस फैसले के बारे में शुक्रवार को जानकारी दी. प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी टूलमेकर्स केएलए कॉर्प, लैम रिसर्च कॉर्प और एप्लाइड मैटेरियल्स इंक की ओर से भेजे गए टूल्स की मदद से चीन में सेमीकंडक्टर (Semiconductor Chip) का निर्माण किया जाता है. अब नए नियमों मे चीन (China) को इस तरह के टूल्स या चिप की बिक्री से पूरी तरह रोक दिया गया है. बाइडेन प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक इस कदम से चीन में सेमी-कंडक्टर के निर्माण की गति धीमी होगी, जिसका असर वहां की अर्थव्यवस्था पर होगा. 

'ड्रैगन' की 30 कंपनियां निगरानी सूची में शामिल

सूत्रों के मुताबिक अमेरिका (USA) ने 'ड्रैगन' के खिलाफ एक और कड़ा कदम उठाते हुए उसकी मेमोरी चिप बनाने वाली टॉप-30 कंपनियों को एक खास लिस्ट में शामिल कर लिया है. असल में अमेरिका इन कंपनियों के संचालन की जांच करना चाहता है लेकिन चीन (China) इसकी इजाजत नहीं देता. इसलिए अमेरिकी सरकार ने इन 30 कंपनियों को अनवेरिफाइड लिस्ट में शामिल किया है. माना जा रहा है कि इस लिस्ट में शामिल होने वाली कंपनियों को अगले कुछ दिनों में ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है. 

यूएस ने सहयोगी देशों से मांगा साथ

सूत्रों के मुताबिक 'ड्रैगन' (China) को घेरने के लिए अमेरिका (USA) ने सहयोगी देशों से साथ मांगा है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यूएस की तरह बाकी सहयोगी देश भी अपने यहां सेमीकंडक्टर के मामले में चीन पर सख्ती करें और आवश्यक पाबंदी लगाएं. अमेरिका को डर है कि अगर इस मामले में उसे सहयोगी देशों का साथ नहीं लिया तो चीन के खिलाफ उठाया गया उसका ये कदम विफल भी हो सकता है. 

भारत पहले ही कर चुका है पहल

खास बात ये है कि चीन (China) के खिलाफ अमेरिका (USA) जिन कदमों को अब उठाने की कोशिश कर रहा है, उनकी पहल भारत पहले ही कर चुका है. चीन के खिलाफ बने माहौल को देखते हुए मोदी सरकार ने भारत को दुनिया का सेमीकंडक्टर (Semiconductor Chip) हब बनाने की कोशिश शुरू कर दी हैं. इसके लिए ताइवान के सहयोग से देश में सेमी-कंडक्टर फैक्ट्रियां लगाने की कोशिश हो रही है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस कदम से भारत सेमी-कंडक्टर के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा, साथ ही चीन की इकोनॉमी को भी करारा झटका लगेगा. 

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