अमेरिकी सेना ने मान ही लिया कि उसने 29 अगस्त को काबुल में ड्रोन हमले में सात बच्चों सहित 10 निर्दोश नागरिकों को मार डाला, जिसका लक्ष्य आतंकी समूह ISIS-K (Islamic State, Khorasan) के सदस्य थे। अमेरिका ने अपने निकासी मिशन के दौरान ये मानते हुए समूह को निशाना बनाया था कि वो काबुल हवाई अड्डे पर हमले करने जा रहा है।