Aaj Ka Panchang: आज है प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल

Aaj Ka Panchang: आज प्रदोष व्रत है. रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत और पूजा से आयु वृद्धि तथा अच्छा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है. शिव पुराण और स्कंद पुराण के अनुसार प्रदोष व्रत करने से हर तरह की मुश्किलें दूर होती है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 26, 2022, 07:30 AM IST
  • शुभ मुहूर्त 12.02 बजे से 12.56 बजे तक है
  • राहु काल 05.31 बजे से 07.12 बजे तक रहेगा
Aaj Ka Panchang: आज है प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल

नई दिल्ली: Aaj Ka Panchang: आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. रविवार का दिन और नक्षत्र कृतिका नक्षत्र है. वहीं आज का महत्वपूर्ण योग धृति योग बन रहा है. चन्द्रमा का वृषभ राशि पर संचरण हो रहा है.

आज का शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त 12.02 बजे से 12.56 बजे तक है. वहीं राहु काल 05.31 बजे से 07.12 बजे तक रहेगा.
                     
त्योहार - प्रदोष व्रत
आज प्रदोष व्रत है. रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत और पूजा से आयु वृद्धि तथा अच्छा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है. रविवार को शिव-शक्ति पूजा करने से दाम्पत्य सुख भी बढ़ता है. इस दिन प्रदोष व्रत और पूजा करने से परेशानियां दूर होने लगती हैं. रवि प्रदोष का संयोग कई तरह के दोषों को दूर करता है.

- शिव पुराण और स्कंद पुराण के अनुसार प्रदोष व्रत करने से दूर होती है हर तरह की मुश्किलें
- भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है.  रविवार को प्रदोष व्रत और पूजा करने से उम्र बढ़ती है और बीमारियां भी दूर होती हैं. इसके साथ ही शिव-शक्ति पूजा करने से दांपत्य सुख में भी वृद्धि होती है.

प्रदोष व्रत की विधि
-प्रदोष व्रत करने के लिए त्रयोदशी के दिन सूर्य उदय से पूर्व उठना चाहिए.
-नित्यकर्मों से निवृत्त होकर भागवान शिव की उपासना करनी चाहिए.
-इस व्रत में आहार नहीं लिया जाता है. पूरे दिन का उपवास करने के बाद सूर्य अस्त से पहले स्नान कर सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए.
-पूजन स्थल को गंगाजल और गाय के गोबर से लीपकर मंडप तैयार करना चाहिए. इस मंडप पर पांच रंगों से रंगोली बनानी चाहिए. पूजा करने के लिए -कुश के आसन का प्रयोग करना चाहिए.
-पूजा की तैयारी करने के बाद उत्तर पूर्व दिशा की ओर मुख कर भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए.
-पूजन में भगवान शिव के मंत्र ‘ऊॅं नमरू शिवाय’ का जप करते हुए शिव जी का जल अभिषेक करना चाहिए.
     
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
आज सूर्यास्त के बाद गाय के घी में सात पुड़ी बनाकर उसे केले के पत्ते पर रखें, थोड़ा सा मिष्टान भी रखें. उनपर रोली अथवा सिंदूर से तिलक करके किसी निर्जन पर अपनी मनोकामना का स्मरण करते हुए रख दें.

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