Dhanteras 2024: धनतेरस पर 100 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग, चुपचाप कर लें ये काम, पीढ़ियों तक घर में हो जाएगा मां लक्ष्मी का वास

Dhanteras 2024: धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा, इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. धनतेरस से ही दीवाली की शुरुआत मानी जाती है. धनतेरस पर कौनसे दुर्लभ संयोग बन रहे हैं और पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है, जानिए यहांः  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 25, 2024, 01:47 PM IST
  • धनतेरस पर बन रहे दुर्लभ संयोग
  • धनतेरस का शुभ मुहूर्त कब है
Dhanteras 2024: धनतेरस पर 100 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग, चुपचाप कर लें ये काम, पीढ़ियों तक घर में हो जाएगा मां लक्ष्मी का वास

नई दिल्लीः Dhanteras 2024: धनतेरस कब है? दिवाली के दौरान आने वाले अहम त्योहार धनतेरस का अपना बड़ा महत्व है क्योंकि धनतेरस से ही दिवाली का त्योहार शुरू होता है. इस धन-धान्य और सुख-समृद्धि देने वाला त्योहार माना जाता है. इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा. इसे धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती भी कहते हैं. 

मान्यता है इस तिथि पर आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसी कारण से हर वर्ष धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा निभाई जाती है. धन्वंतरि को आरोग्य का देवता माना या है. मान्यता है कि उनकी पूजा से अच्छी सेहत और रोगों से मुक्ति मिलती है. 

धनतेरस पर बन रहे दुर्लभ संयोग

इस साल धनतेरस पर धन वृद्धि के कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. धनतेरस पर 100 साल बाद त्रिग्रही योग, त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, लक्ष्मी नारायण योग, शश महापुरुष राजयोग जैसे 5 शुभ संयोग बन रहे हैं. 

धनतेरस पर इंद्र योग सुबह 7.48 बजे तक है. इसी तरह त्रिपुष्कर योग सुबह 6.31 बजे से 10.31 बजे तक रहेगा. इसी तरह लक्ष्मी नारायण योग की बात करें तो यह वृश्चिक राशि में शुक्र और बुध के साथ विराजमान रहेंगे. यह योग काफी शुभ है, इससे धन की कमी नहीं होती है. बल-बुद्धि भी बढ़ती है. इसी तरह शश महापुरुष राजयोग पर शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे. इससे शनि की कृपा बनी रहेगी. 

धनतेरस का शुभ मुहूर्त कब है

धनतेरस शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. 29 अक्तूबर को सुबह 10.31 बजे धनतेरस की तिथि शुरू होगी जो 30 अक्तूबर दोपहर 1.15 बजे तक रहेगी. धनतेरस 29 अक्तूबर को मनाया जाएगा. प्रदोष काल 5.38 बजे से 8.13 बजे तक है. इस बीच मां लक्ष्मी और धन्वंतरि की पूजा की जा सकेगी. 

धनतेरस पर सोना, चांदी, बर्तन, आभूषण, घर, भवन, संपत्ति, जमीन, भूमि, धनिया, धातु, दक्षिणावर्ती शंख, नमक आदि खरीद सकते हैं. आप धनतेरस पर बन रहे दुर्लभ संयोग पर इनमें से कुछ भी खरीद सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. इसलिए पाठकों से अनुरोध है कि वे इस लेख को अंतिम सत्य या दावा न मानें. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)

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