Diwali 2024 Date: अमावस्या दो दिन तक, लेकिन 1 नवंबर को दीपावली...लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त कब? जानें

Deepawali on 1st November: दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व भी होता है. इस दिन शाम और रात के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा की जाती है. धनतेरस दीपावली का पहला दिन माना जाता है. इसके बाद नरक चतुर्दशी फिर दीपावली, गोवर्धन पूजा और आखिरी में भैयादूज का त्योहार मनाया जाता है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Oct 22, 2024, 08:05 PM IST
  • कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दीपावली
  • दीपावली 1 नवंबर को ही मनाएं
Diwali 2024 Date: अमावस्या दो दिन तक, लेकिन 1 नवंबर को दीपावली...लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त कब? जानें

Diwali 2024 Date in India: हिंदू धर्म में दीपावली का त्योहार बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है. कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि पर भगवान श्री राम 14 वर्षों का वनवास काटकर और लंका पर विजय करने के बाद अयोध्या लौटे थे. जिसकी खुशी में सारे अयोध्यावासी इस दिन पूरे नगर को अपने राजा प्रभु राम के स्वागत में दीप जलाकर उत्सव मनाया था. इसी कारण से तब से ये परंपरा चली आ रही है.

दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व भी होता है. इस दिन शाम और रात के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा की जाती है. धनतेरस दीपावली का पहला दिन माना जाता है. इसके बाद नरक चतुर्दशी फिर दीपावली, गोवर्धन पूजा और आखिरी में भैयादूज का त्योहार मनाया जाता है.

डा. अनीष व्यास ने बताया कि दीपावली पर्व का कर्मकाल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर प्रदोष काल (शाम के समय) में बताया गया है. धर्म सिंधु ग्रंथ के अनुसार यदि अमावस्या प्रदोष काल में दो दिन रहती है तो दूसरे दिन सूर्योदय से शाम तक अमावस्या के दौरान प्रदोष काल में दीपोत्सव मनाने के साथ ही लक्ष्मी पूजन भी किया जा सकता है.

अमावस्या दो दिन तक, लेकिन 1 नवंबर को दीपावली
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्लेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 3:53 बजे से शुरू होकर 1 नवंबर की शाम 6:17 तक रहेगी. ऐसे में अमावस्या की तिथि के दौरान दो दिन प्रदोष काल रहेगा. सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बाद एक घड़ी से अधिक अमावस्या होने पर यह पर्व मनाया जा सकता है. 1 नवंबर को सूर्यास्त शाम 5:40 बजे होगा. इसके बाद 37 मिनट तक अमावस्या रहेगी. ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि जिस दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के वक्त अमावस्या हो तब लक्ष्मी पूजन किया जाना चाहिए. इस बात का ध्यान रखते हुए दीपावली 1 नवंबर को ही मनाएं.

1 नवंबर को दीपावली
डा. अनीष व्यास ने बताया कि दीपावली पर घरों को रोशनी से सजाया जाता है. दीपावली की शाम को शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, मां सरस्वती और धन के देवता कुबेर की पूजा-आराधना होती है. मान्यता है दीपावली की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और घर-घर जाकर ये देखती हैं किसका घर साफ है और किसके यहां पर विधिविधान से पूजा हो रही है. माता लक्ष्मी वहीं पर अपनी कृपा बरसाती हैं.

1 नवंबर को लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
प्रदोष काल ( लग्न ) - शाम 05:40 - रात 08:16 तक
वृषभ काल ( लग्न ) - शाम 06:31 - रात 08:28 तक
सिंह काल ( लग्न )  - रात 01:01 - रात 03:17 तक

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