नई दिल्ली: Jitiya Vrat 2024: हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका या जितिया या जिउतिया व्रत एक अहम त्योहार है. अपने बच्चों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए माताएं ये व्रत रखती हैं. बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में महिलाओं की ओर से व्यापक रूप से मनाया जाने वाला जितिया व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. इस व्रत का अपना एक खास महत्व है.
25 सितंबर को रखा जाएगा व्रत
हर साल अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया का निर्जला व्रत रखा जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने बच्चों की भलाई और बेहतर जीवन के लिए 24 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं. ये व्रत 3 दिन तक चलता है और इसमें भगवान सूर्य की पूजा करने का महत्व है. व्रती महिलाएं पूरे दिन न तो भोजन करती हैं न पानी पीती हैं. व्रत का समापन पारण के साथ किया जाता है.
इस साल 24 सितंबर मंगलवार को जितिया व्रत का नहाय खाय किया जाएगा. बुधवार 25 सितंबर को व्रत रखा जाएगा. इसके बाद गुरुवार 26 सितंबर को पारण के साथ व्रत खत्म किया जाएगा.
सूर्य को दिया जाता है अर्घ्य
जितिया के दिन भगवान विष्णु, शिव और भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस व्रत में महिलाएं जीमूतवाहन भगवान की पूजा करती हैं. जीमूतवाहन की मूर्ति स्थापित कर पूजन सामग्री के साथ पूजा किया जाता है. घर की महिलाएं मिट्टी और गाय के गोबर से चील और सियारिन की छोटी-छोटी मूर्तियां बनाती हैं. उसके बाद इन मूर्तियों के माथे पर सिंदूर का टीका लगाकर जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)
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